गोरखपुर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हुए बवाल की जांच एसआईटी करेगी। इसके लिए सीओ कोतवाली वीपी सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। एसएसपी डा. सुनील गुप्त ने बताया कि जांच दल, बवाल की साजिश रचने वालों के बारे में भी पता लगाएगा।
20 दिसंबर को हुआ था बवाल
सीएए के विरोध में 20 दिसंबर को जामा मस्जिद में कुछ युवकों ने हाथ पर काली पट्टी बांध कर दोपहर की नमाज अदा की थी। बाद में वही युवक सीएए और सरकार विरोधी नारे लगाते हुए मदीना मस्जिद चौराहे पर पहुंच गए और नागरिक सुरक्षा कोर के उप नियंत्रक सत्य प्रकाश सिंह तथा उनके सहयोगी विकास जालान पर हमला कर दिया। पुलिस, वहां स्थिति पर काबू पाने की कोशिश कर ही रही थी कि इसी बीच कुछ युवकों के दूसरे समूह ने कोतवाली थाने से बमुश्किल सौ कदम की दूरी पर स्थित नखास चौराहे पर पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। बाद में लाठीचार्ज कर और आसूं गैस के गोले दागकर पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण किया।
पत्थरबाजों के लग चुके हैं पोस्टर
उपद्रव प्रभावित इलाके में दुकानों और घरों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से पत्थरबाजी करने वालों की फोटो निकालकर उनका पोस्टर जारी किया है। उसी फोटो से पहचान कराकर पत्थरबाजों की गिरफ्तारी की जा रही है। इस मामले में कोतवाल जयदीप वर्मा ने 36 नामजद और एक हजार अज्ञात पत्थरबाजों के विरुद्ध बलवा, हत्या के प्रयास, सरकारी काम में बाधा, लोक सेवक पर हमला, तोडफ़ोड़ और लोक व्यवस्था भंग कर दहशत फैलाने सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में तीन और नाम शामिल किए जाने से नामजद अभियुक्तों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। नखास चौकी इंचार्ज ने भी दो सौ के विरुद्ध धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में अभियोग पंजीकृत कराया है। राजघाट पुलिस ने भी दो सौ के विरुद्ध धारा 144 के उलंघन का मुकदमा दर्ज किया है।
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