North Eastern Railway: कोरोना के कारण रेलवे स्टेशनों के स्टालों पर सन्नाटा, ई कैटरिंग पर भी संकट Gorakhpur News
दरअसल संक्रमण के चलते यात्री भी घर के बने सामान पर भरोसा जताने लगे हैं। वे सफर में खानेपीने की बाहरी सामग्री को लेकर परहेज करने लगे हैं। डर के मारे खानेपीने के लिए ट्रेनों से कोई उतर ही नहीं रहा।
गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे स्टेशनों के खानपान स्टाल से चहल-पहल गायब होने लगी है। न समोसे और पकौड़े दिख रहे और न जनता खाना और चावल-छोले के पैकेट। चावल-अंडा, आमलेट और बिस्किट की थोड़ी डिमांड रह गई। ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में स्टाल ही बंद हो जाएंगे। वेंडरों का कहना है कि इंडियन रेलवे कैटङ्क्षरग एंड टूरिज्क कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) ने 80 फीसद लाइसेंसी शुल्क माफ कर दिया है, नहीं तो अभी तक स्टाल बंद हो गए होते।
डर के कारण ट्रेनों से नहीं उतर रहे लोग
दरअसल, संक्रमण के चलते यात्री भी घर के बने सामान पर भरोसा जताने लगे हैं। वे सफर में खानेपीने की बाहरी सामग्री को लेकर परहेज करने लगे हैं। प्लेटफार्म नंबर एक के फास्ट फूड यूनिट के संचालक ओम प्रकाश सोनकर बताते हैं कि लोगों की आवाजाही कम होने से स्टेशन पर फिर से उदासी छाने लगी है। डर के मारे खानेपीने के लिए ट्रेनों से कोई उतर ही नहीं रहा। जो उतर रहे, वे सीधे घर रवाना हो जा रहे हैं। अब तो खर्चा उठाना भारी पड़ रहा है। स्टाल नंबर तीन के वेंडर अनुप कुमार ने बताया कि सामान्य दिनों में जहां 30 हजार की सामग्री बिक जा रही थी, आज 3 हजार की भी नहीं बिक रही। जनता खाना और चावल-छोला का पैकेट फेंकना पड़ रहा है। भले ही लाइसेंस शुल्क माफ हो गया है लेकिन अब कामगारों की मजदूरी भी नहीं निकल पा रही। यही स्थिति रही तो फास्ट फूड यूनिट और स्टाल तो बंद होंगे ही, काम करने वाले युवा भी बेरोजगार हो जाएंगे। यह हालात सिर्फ प्लेटफार्म नंबर एक के खानपान स्टालों की नहीं है, बल्कि सभी प्लेटफर्मों पर मौजूद लगभग दर्जन भर स्टालों की है।
ट्रेनों में पेंट्रीकार लगनी बंद
ट्रेनों में खानपान की स्थिति तो और खराब है। ट्रेनों में पेंट्रीकार लगनी बंद हो गई है। ट्रेन साइड वेंडिंग व्यवस्था के तहत आइआरसीटीसी के वेंडर तो चल रहे हैं लेकिन खानपान की पैक्ड सामग्री (रेडी टू ईट) की डिमांड भी लगभग बंद हो गई है। रात में लगने वाले कफर्यू के चलते ई कैटङ्क्षरग सेवा पर भी संकट मंडराने लगा है। ट्रेनों में सीट तक खानपान की मनपसंद पैक्ड सामग्री पहुंचाने वाले रेस्टोरेंट और ब्रांडेड कंपनियों को दिन के समय एक दो आर्डर मिल भी जा रहे। लेकिन रात के समय न आर्डर मिल रहे और न ही कंफर्यू के चलते वेंडर सीट तक खाने की सामग्री पहुंचा रहे हैं।