Move to Jagran APP

फ़ोर्ब्स में चमका गोरखपुर की श्रिति पांडेय का नाम, एशिया की टाप 30 वैज्ञानिकों में आया नाम

गोरखपुर की युवा वैज्ञानिक श्रिति पांडेय को मशहूर अमेरिकी बिजनेस पत्रिका ’फ़ोर्ब्स’ ने एशिया के सर्वश्रेष्ठ युवा वैज्ञानिकों में शामिल किया है। इस सूची में 30 या उससे कम उम्र के उन युवा वैज्ञानिकों को शामिल किया जाता है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 10:44 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 04:41 PM (IST)
फ़ोर्ब्स में चमका गोरखपुर की श्रिति पांडेय का नाम, एशिया की टाप 30 वैज्ञानिकों में आया नाम
गोरखपुर की युवा वैज्ञानिक श्रिति पांडेय। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर की युवा वैज्ञानिक श्रिति पांडेय को मशहूर अमेरिकी बिजनेस पत्रिका ’फोब्र्स’ ने एशिया के सर्वश्रेष्ठ युवा वैज्ञानिकों में शामिल किया है। पत्रिका के प्रबंधन ने श्रिति को ई-मेल के जरिए यह जानकारी दी है। श्रिति ने इस उपलब्धि से न केवल पूर्वांचल बल्कि देश का नाम दुनिया में रोशन किया है। इस सूची में 30 या उससे कम उम्र के उन युवा वैज्ञानिकों को शामिल किया जाता है, जिन्होंने उद्योग, विनिर्माण या ऊर्जा के क्षेत्र में कोई ऐसा शोध किया है, जो समाज और उद्योग जगत के लिए उपयोगी साबित हो रहा है।

loksabha election banner

गेंहू के डंठल व धान के पुआल से मकान निर्माण पर किया है शोध

श्रिति को यह उपलब्धि उनके उस शोध के लिए मिली है, जिसमें उन्होंने गेहूं के डंठल व भूसे के बने पैनल से कम लागत में टिकाऊ मकान तैयार कर दुनिया को चकित किया है। इसके लिए उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ की सराहना भी हासिल हो चुकी है। संघ ने इस प्रयोग के लिए उन्हें 2019 में सम्मानित भी किया था। एशिया-30 में नाम शामिल होने से उत्साहित श्रिति ने बताया कि उनके इस प्रोजेक्ट को प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप में शामिल कर लिया है। 

पूर्वांचल के लोगों को मिलेगा लाभ

प्रयोग को व्यवसाय के धरातल पर उतारकर लोगों तक पहुंचाने के लिए कंपनी स्थापित कर ली गई है। जल्द इसे लेकर गोरखपुर के आसपास उद्योग लगाया जाएगा, जिससे पूर्वांचल के लोगों को इसका सर्वाधिक लाभ मिल सके। श्रिति के पिता महात्मा गांधी इंटर इंटर कालेज के प्रबंधक मंकेश्वर पांडेय ने बताया कि प्रयोग आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। सरकारी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद यह कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

ये है श्रिति का नवाचार

श्रिति पांडेय ने गेहूं के डंठल, धान के पुआल और भूसे से कंप्रेस्ड एग्री फाइबर पैनल बनाया है। इस पैनल से मकान तैयार करने पर लागत काफी कम आती है, साथ ही उसकी आयु भी लंबी होगी। श्रिति ने बताया कि डंठल और पुआल का निस्तारण न हो पाने की स्थिति में किसान उसे जला देते हैं। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति तो प्रभावित होती ही है, पर्यावरण भी दूषित होता है। इस प्रयोग के व्यवसाय के धरातल पर आते ही किसानों को अपने फसलों के अवशेषों से भी आय होगी। पर्यावरण और धरती तो सुरक्षित रहेगी ही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.