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गोरखपुर से भी जुड़ा था शार्प शूटर परवेज का सिंडिकेट, STF ने घेरकर मारा

शूटर परवेज के खिलाफ गोरखपुर में कोई मुकदमा नहीं था। इसलिए वह स्थानीय पुलिस की नजर में नहीं था। यहां वह बेखौफ होकर घूमने के साथ ही अपना सिंडिकेट चला रहा था। परवेज के गतिविधि की जानकारी मिलने पर एसटीएफ ने उसकी निगरानी शुरू कर दी थी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 07:30 AM (IST)
गोरखपुर से भी जुड़ा था शार्प शूटर परवेज का सिंडिकेट, STF ने घेरकर मारा
शार्प शूटर परवेज का सिंडिकेट गोरखपुर तक था। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। शार्प शूटर परवेज फरारी के दौरान नेपाल के साथ ही गोरखपुर में रहकर वसूली का सिंडिकेट चला रहा था। बताया जा रहा है कि वह नकली नोटों के धंधे भी जुड़ गया था। गोरखपुर में उसका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं मिला है लेकिन यहां के कई प्रभावशाली उसके संपर्क में थे। एसटीएफ के साथ ही क्राइम ब्रांच बदमाश के शरणदाताओं के बारे में जानकारी जुटा रही है।

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पहले से एसटीएफ कर रही थी निगरानी

परवेज के खिलाफ गोरखपुर में कोई मुकदमा नहीं था। इसलिए वह स्थानीय पुलिस की नजर में नहीं था। यहां वह बेखौफ होकर घूमने के साथ ही अपना सिंडिकेट चला रहा था। उसने नेपाल में भी ठिकाना बना रखा था। परवेज के गतिविधि की जानकारी मिलने पर एसटीएफ ने उसकी निगरानी शुरू कर दी। दो दिन पहले वह नेपाल से कैंपियरगंज इलाके में पहुंचा। एसटीएफ की माने तो शनिवार को परवेज की चिलुआताल इलाके के नकहा में रहने वाले एक सफेदपोश से मीटिंग तय थी। लेकिन कैंसिल हो गई। रविवार की दोपहर फिर मीटिंग का समय निर्धारित हुआ। जानकारी होने पर एसटीएफ ने चिउटहा पुल के पास उसे घेर लिया। एसटीएफ ने अब उस सफेदपोश की तलाश शुरू कर दी है।बताया जा रहा है कि उसके पकड़े जाने पर कई अन्य सहयोगियों का नाम सामने आएगा।

पांच साल बाद गोरखपुर में गरजी एसटीएफ की बंदूक

लंबे समय बाद रविवार को गोरखपुर में एसटीएफ व बदमाशों के बीच आमने-सामने की मुठभेड़ हुई। एसटीएफ की कार्रवाई में अंबेडकरनगर के कुख्यात परवेज के ढेर होने से अपराधियों में हड़कंप मच गया।इससे पहले एसटीएफ ने मई 2016 में गोरखपुर के डाक्टरों से रंगदारी मांगने वाले मऊ के बदमाश धर्मेंद्र सिंह को मुठभेड़ में मार गिराया था।

पिछले साल गोरखपुर में विपिन सिंह को मार गिराया था

दोपहर तीन बजे कुदरिहा बांध पर अचानक गोलियों के तड़तड़ाहट से हड़कंप मच गया। इस दौरान एसटीएफ की चार गोलियां परवेज के सिर, सीने और पेट में लगीं और वह ढेर हो गया। उससे पहले 2015 में एसटीएफ ने उरुवा के धुरियापार में चंदन सिंह गैंग के सक्रिय सदस्य विजय हरिजन मुठभेड़ में ढ़ेर हो गया था। पिछले साल गोरखपुर क्राइम ब्रांच ने पिपराइच इलाके में शाहपुर क्षेत्र के रहने वाले बदमाश विपिन सिंह को मुठभेड़ में मार गिराया था।

फिरोज पठान व पन्ना यादव भी मुठभेड़ में हुए ढ़ेर

एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने पिछले साल बस्ती जिले में कुख्यात फिरोज पठान को मार गिराया था। बहराइच में रहने वाला गोरखपुर के गुलरिहा का रहने वाला शातिर पन्ना यादव की भी मुठभेड़ में गोली लगने से मौत हो गई थी। पन्ना यादव ने गोरखपुर में रहने वाले संतकबीरनगर जिले के ठीकेदार से रंगदारी मांगी थी। रुपये न मिलने पर हत्या करने की धमकी दी थी।


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