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गोरखपुर में फैक्ट्रियों का उत्पादन कम कर रहे बिजली के जर्जर तार

जर्जर बिजली के तार फैक्‍ट्र‍ियों का उत्‍पादन कम कर रहे हैं। उद्यमियों की ओर से इस समस्या को कई बार उद्योग बंधु की बैठकों में उठाया जा चुका है और बिजली निगम के अधिकारियों को भी जानकारी दी जा चुकी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 12:30 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 12:30 PM (IST)
गोरखपुर में फैक्ट्रियों का उत्पादन कम कर रहे बिजली के जर्जर तार
गोरखपुर में बिजली के जर्जर तारों से फैक्‍ट्र‍ियों का उत्‍पादन प्रभाव‍ित हो रहा है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में स्थापित फैक्ट्रियों में बिजली के जर्जर तारों से उत्पादन प्रभावित हो रहा है। दिन में कई बार ट्रिपिंग होने से बिजली गुल हो जाती है। बिजली कटने से लेकर जनरेटर चालू होने के बीच मशीन में लगा माल खराब हो जाता है। उद्यमियों की ओर से इस समस्या को कई बार उद्योग बंधु की बैठकों में उठाया जा चुका है और बिजली निगम के अधिकारियों को भी जानकारी दी जा चुकी है। बिजली निगम की ओर से करीब 12 करोड़ रुपये से अंडर ग्राउंड केबिल बिछाने की योजना स्वीकृत है लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है।

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दिन में कई बार ट्रिपिंग होने से खराब हो जाता है मशीन में लगा माल

उद्यमियों का कहना है कि गीडा के सभी सेक्टर में यह समस्या है। लंबे समय से यहां के बिजली के तार बदले नहीं गए हैं। थोड़ी तेज हवा चलने, पानी बरसने या अन्य कारणों से लाइन ट्रिप हो जाती है। दिन में सात से आठ बार यह स्थिति उत्पन्न होती है। बिजली निगम की ओर से वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है, जिसपर उद्यमी रोज शिकायत करते हैं लेकिन केवल आश्वासन ही मिलता है।

बिजली निगम के अधिकारियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं उद्यमी

अंबे प्रोसेसर्स के संतोष पारीख का कहना है कि एक बार बिजली जाने पर कपड़े को प्रोसेस करने के लिए स्टंटर में लगाया गया कपड़ा हर बार खराब हो जाता है। इसका कोई उपयोग नहीं किया जा सकता है। फेथफुल कामर्शियल लिमिटेड के सुमित रूंगटा ने बताया कि बिजली कटने के बाद उनकी फैक्ट्री की मशीन की तकनीक के कारण दोबारा चलाने में काफी नुकसान होता है। एबीआर पेट्रो के अशोक शाव का कहना है कि गीडा की स्थापना से ही उनकी इकाई स्थापित है। इधर कुछ समय से बिजली की स्थिति चिंताजनक हो गई है। बिजली कटने से रोज नुकसान हो रहा है। यही स्थिति रही तो नुकसान सह पाना मुश्किल होगा।

सभी को मिलकर निकालना होगा समाधान

लघु उद्योग भारती के जिला अध्यक्ष दीपक कारीवाल का कहना है कि जर्जर तारों के चलते ट्रिपिंग होती है और बिजली कटने से उद्यमियों का माल खराब होता है। बिजली निगम, गीडा को साथ मिलकर इस समस्या के निराकरण के लिए कार्ययोजना बनानी चाहिए। उद्यमियों का भी सहयोग लिया जा सकता है। आने वाले समय में प्रस्तावित नए उद्योगों के मद्देनजर यह व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे रोज-रोज की समस्या से छुटकारा मिल सके।

जर्जर तारों को कारण नहीं मानता बिजली निगम

विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता ई. सोमदत्त शर्मा का कहना है कि गीडा में जर्जर तारों के चलते ट्रिपिंग होने की बात सही नहीं है। तारों के चलते ट्रिपिंग होती तो उसे नियंत्रित कर लिया जाता। गीडा में जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने से नालियों में पानी जमा होता है, जिससे नमी रहती है। कई फैक्ट्रियों के मीटर रूम का रख-रखाव भी ठीक नहीं है। फैक्ट्रियों में लगाए गए आंतरिक प्रोटेक्शन सिस्टम भी सुचारू रूप से काम नहीं करते, जिसके कारण ट्रिपिंग होती है। इस समय मौसम के कारण विपरीत स्थिति है, जिससे उद्यमी भी परेशान हैं। हम हर तरह से उनका सहयोग करने के लिए तत्पर हैं। रात-दिन जब भी जरूरत हो समस्या दूर करने का प्रयास किया जाता है। सुधार आ भी रहा है। अंडर ग्राउंड केबिल बिछाने के लिए धन स्वीकृत हो गया है। टेंडर प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव भेजा गया है, स्वीकृति मिलते ही टेंडर निकालकर काम शुरू करा दिया जाएगा।


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