जनवरी आलू की फसल के लिए संवेदनशील
कुशीनगर के उद्यान विभाग के अधिकारी ने किसानों को आलू की फसल बचाने के उपाय बताए इसके लिए उद्यान विभाग की टीम ने किसानों को खेती आधुनिक तकनीक बताई तथा ठंड के मौसम में फसल पर किए जाने वाले छिड़काव की जानकारी दी खेत पर ले जाकर जानकारी दी गई।
कुशीनगर : जिला उद्यान विभाग के सौजन्य से जनपद स्तरीय दो दिवसीय संगोष्ठी, मेला व भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। पहले दिन जिले के 14 ब्लाक के चयनित किसानों के साथ टीम राजकीय आलू परिक्षेत्र बरवा फार्म पहुंची। फार्म में आलू की पौध को किसानों को दिखाते हुए विशेषज्ञों ने जानकारी दी।
प्रभारी जिला उद्यान मिशन रामायण सिंह ने बताया कि अधिक बारिश अथवा कोहरा पड़ने पर आलू की फसल रोग से प्रभावित हो सकती है। इससे बचाव के लिए ताम्रयुक्त रसायन कापर, आक्सी क्लोराइड या रीडोमिल का छिड़काव करना चाहिए। एक लीटर पानी में दो तीन ग्राम रसायन डाला जा सकता है। बताया कि इस समय ठंड का मौसम है। पाला पड़ने की संभावना को देखते हुए खेत में नमी बनाए रखना जरूरी है। फसल पकने तक बांगर क्षेत्र में छह से आठ बार सिचाई करनी चाहिए। भाठ क्षेत्र में तीन से चार बार की सिचाई काफी होती है। दिसंबर से जनवरी का समय आलू के लिए संवेदनशील होता है। इस अवधि में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। उद्यान निरीक्षक देवेंद्र मणि त्रिपाठी व पत्रिका सिंह ने आलू, फूल एवं फल आदि के पौधों की बोआई, उससे होने वाले लाभ के बारे में बताया। ब्लाक प्रभारी मोहन पासवान, रामायण दीक्षित, राजकिशोर तिवारी, नथुनी गौतम, इंद्र मणि चौहान, हरीराम राय, प्रदीप यादव आदि उपस्थित रहे।
बढ़ती ठंड फसल की पैदावार बढ़ाने में लाभदायक
मौसम का प्रभाव जीवधारियों के साथ ही वनस्पतियों पर भी पड़ता है। सर्दी का मौसम फसलों के लिए लाभदायक होता है। हल्की बारिश होने से फसलों को कोई नुकसान नहीं होगा। यदि तेज बारिश होती है तो इससे आलू की फसल पर खतरा मंडराने लगेगा।
यह जानकारी देते हुए कृषि विज्ञान केंद्र सरगटिया करन पट्टी के वरिष्ठ कृषि विज्ञानी डा. अशोक राय ने कहा कि सर्दी का मौसम गेहूं, जौ, मटर, चना, मसूर, मूंग सहित कई फसलों के लिए लाभदायक है। इस समय यह मौसम फसलों के अनुकूल है। हल्की बारिश से फसलों को कोई नुकसान नहीं है। इस समय का तापमान फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है।
सर्दी व बारिश से बंद रहा कृषि कार्य
सर्दी व बारिश से खेतों में नमी बनी रही। गेहूं, मटर, चना, सरसो व सब्जियों की फसलों में ओस के चलते निराई, गुड़ाई सहित कोई कार्य नहीं हो सका। खराब मौसम के चलते किसान खेतों में काम करने नहीं पहुंचे।