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Gorakhpur needs IIT: आइआइटी में चयन तो हुआ पर नहीं पूरी होगी गोरखपुर में पढ़ने की साध

वर्ष-दर-वर्ष गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों से आइआइटी में चयन पाने वाले मेधावियों की तादाद बढ़ती जा रही है। जहां पहले पूरे क्षेत्र से 10-20 विद्यार्थी ही आइआइटी में चयनित होते थे वहीं इस समय इसमें चयन पाने वाले मेधावियों की संख्या 400 से 500 के बीच पहुंच गई है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 01:42 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 01:42 PM (IST)
Gorakhpur needs IIT: आइआइटी में चयन तो हुआ पर नहीं पूरी होगी गोरखपुर में पढ़ने की साध
आइआइटी में चयन तो हुआ पर नहीं पूरी होगी गोरखपुर में पढ़ने की साध। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोखपुर, जागरण संवाददाता। वर्ष-दर-वर्ष गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों से आइआइटी में चयन पाने वाले मेधावियों की तादाद बढ़ती जा रही है। जहां पहले पूरे क्षेत्र से 10-20 विद्यार्थी ही आइआइटी में चयनित होते थे, वहीं इस समय इसमें चयन पाने वाले मेधावियों की संख्या 400 से 500 के बीच पहुंच गई है। ऐसे में अब चयनित मेधावियों को गोरखपुर में आइआइटी का न होना खलने लगा है। उनका कहना है कि यदि यहां भी आइआइटी होता तो उन्हें पढ़ने के लिए दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ता। घर में ही उच्च कोटि का इंजीनियर बनने की ख्वाहिश पूरी हो जाती। अब जबकि गोरखपुर में ही रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध होने लगे हैं, ऐसे में अगर यहीं पढ़ने का अवसर भी मिल जाता है तो शायद पूर्वांचल की प्रतिभा पूर्वांचल के लोगों के ही काम आ जाती।

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दूसरे शहर में पढने जाने से होती है दिक्‍कत

इस वर्ष आइआइटी में चयन पाने वाले गोरखपुर के कई मेधावी यह सोचकर परेशान हैं कि उन्हें इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए दूसरे शहरों में जाना होगा। अगर गोरखपुर में ही आइआइटी होता तो उन्हें दूसरे शहरों की राह नहीं पकड़नी पड़ती। उनका मानना है कि गोरखपुर में आइआइटी की स्थापना समय की मांग है। अगर गोरखपुर में एम्स खुल सकता है तो आइआइटी क्यों नहीं। दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र के उच्च संस्थान हैं। मेधावियों का यह भी कहना है कि गोरखपुर अब पहले जैसा शहर नहीं रह गया।

सीएम योगी के प्रयास से तेजी से विकास कर रहा गोरखपुर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से यह क्षेत्र तेजी से औद्योगिक क्षेत्र बनने की राह में आगे बढ़ चला है। फर्टिलाइजर का फिर से खुलना इसकी पुष्टि है। मेधावियों का यह भी मानना है कि गोरखपुर में आइआइटी पूर्वांचल की भौगिलिक परिस्थितियों की मांग है। गोरखपुर अध्ययन की दृष्टि से एक लंबे दायरे को कवर करता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार और नेपाल पूरी तरह से गोरखपुर की समृद्धि पर निर्भर है। आइआइटी की स्थापना से इन क्षेत्रों की समृद्धि में इजाजा होगा। इसीलिए जागरण ने गोरखपुर मेंं आइआइटी स्थापित करने की मुहिम छेड़ी है।

आइआइटी होता तो परिवार के साथ रहकर कर सकता पढाई

आइआइटी में चयानित सचिन गुप्‍ता कहते हैं कि मेरा इस वर्ष आइआइटी में चयन हुआ है लेकिन अफसोस इस बात का है कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दूसरे शहर का सहारा लेना होगा। अगर गोरखपुर में आइआइटी होता तो परिवार के बीच ही अपनी प्रोफेशनल पढ़ाई भी पूरी कर लेता। मैं जागरण की इस मुहिम के साथ हूं। अगर मेरे बाद के विद्यार्थियों भी गोरखपुर की आइआइटी से इंजीनियरिंग करने में अवसर मिलता है तो मुझे काफी खुशी होगी। दरअसल गोरखपुर में आइआइटी की स्थापना समय की मांग है, जिसे पूरा होना ही चाहिए।

पढाई के लिए दूसरे शहर का नहीं होना पडता मोहताज

आइआइटी में चयनित उत्‍सव उपाध्‍याय कहते हैं कि अगर गोरखपुर में आइआइटी की स्थापना हो जाती तो हम जैसे विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए दूसरों शहरों का मोहताज नहीं होना पड़ता। यहां आइआइटी खुलने से न केवल हमारा भला होता बल्कि समूचा पूर्वांचल और समृद्ध् हो जाता। क्योंकि इससे पूर्वांचल की बौद्धिक क्षमता बढ़ जाती। गोरखपुर में जब एम्स और आइआइटी दोनों संचालित होंगे तो इसका प्रभाव पड़ोसी राज्य बिहार पर भी पड़ेगा। पश्चिमी बिहार के मेधावियों को उच्चीकृत अध्ययन के लिए दूसरे प्रदेश में नहीं जाना होगा।

गोरखपुर आइआइटी संचालित होना बेहद जरूरी

आइआइटी छात्र अनुज चौहान कहते हैं कि आज की तारीख में बड़ी संख्या में गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र में विद्यार्थियों का आइआइटी में चयन हो रहा है। रुझान को देखकर कहा जा सकता है कि आने वाले समय में यह संख्या 1000 के पार हो जाएगी। ऐसे में गोरखपुर में आइआइटी का संचालित होना बेहद जरूरी है। अपने जैसे छात्रों के लिए और पूर्वांचल की समृद्धि के लिए गोरखपुर में आइआइटी की स्थापना का मैं पुरजोर समर्थन करता हूं। जागरण ने इसे लेकर जो मुहिम चलाई है, उसका भी आगे बढ़कर समर्थन करता हूं।


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