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Covid Vaccination: 2.63 लाख लोगों पर कम काम करेगी दूसरी डोज, यह है कारण

गोरखपुर में 2.63 लाख लोग ऐसे हैं जिनकी दूसरी डोज (बूस्टर डोज) लगवाने का अधिकतम समय बीत चुका है लेकिन उन्होंने अभी तक दूसरी डोज नहीं लगवाई है। समय बीतने के जितने दिन बाद वे दूसरी डोज लगवाएंगे उतनी ही कम मात्रा में उनकी एंटीबाडी बूस्ट होगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 03:15 PM (IST)Updated: Wed, 17 Nov 2021 08:50 PM (IST)
Covid Vaccination: 2.63 लाख लोगों पर कम काम करेगी दूसरी डोज, यह है कारण
समय पूरा होने के बाद भी 2.63 लाख लोगों ने कोरोना का दूसरा टीका नहीं लगवाया। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। कोविड टीकाकरण अभियान की गति अब थमने लगी है। अभी लगभग 11 लाख लोगों को एक भी डोज नहीं लग पाई है। यही नहीं जिले में 2.63 लाख लोग ऐसे हैं, जिनकी दूसरी डोज (बूस्टर डोज) लगवाने का अधिकतम समय बीत चुका है लेकिन उन्होंने अभी तक दूसरी डोज नहीं लगवाई है। समय बीतने के जितने दिन बाद वे दूसरी डोज लगवाएंगे, उतनी ही कम मात्रा में उनकी एंटीबाडी बूस्ट होगी। हालांकि कितने दिन बाद बूस्टर डोज लगवाने पर उसका असर कितना फीसद कम होगा, इस संबंध में शासन से अभी तक कोई निर्देश नहीं आया है।

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75 हजार लोगों ने 42 दिन पहले लगवाया लिया है कौवैक्सीन का पहला टीका

जिले में टीकाकरण की शुरुआत पिछले 16 जनवरी को हुई। पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों, दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्करों को टीका लगाया गया। इसके बाद एक मार्च से आम नागरिकों का टीकाकरण शुरू हुआ। शुरुआत में पर्याप्त वैक्सीन न होने से कम बूथ संचालित किए जा रहे थे। बूथों पर टीकाकरण के लिए लंबी लाइन लग रही थी। जल्दी टीका लगवाने के लिए लाइन तोडऩे को लेकर अक्सर विवाद हो जाता था। अब वैक्सीन पर्याप्त उपलब्ध है। बूथों की संख्या डेढ़ सौ से लेकर ढाई सौ तक है। गांवों में स्वास्थ्य टीमें जाकर लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक व प्रेरित कर रही हैं। बावजूद इसके टीकाकरण का ग्राफ बढ़ नहीं पा रहा है। जिन लोगों ने पहली डोज लगवा ली है, उनमें से 2.63 लाख लोगों ने अभी तक दूसरी डोज नहीं लगवाई है।

दूसरी डोज लगवाने का अधिकतम समय

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एनके पांडेय ने बताया कि जिले में दो कोरोनारोधी वैक्सीन लगाई जा रही हैं। कोविशील्ड की दूसरी डोज 84 दिन से 112 दिन तथा कोवैक्सीन की दूसरी डोज 28 से 42 दिन के भीतर लगवा लेनी चाहिए। यह दूसरी डोज का अधिकतम समय है। इस अवधि में दूसरी डोज लगवा लेने से कमजोर हो रही एंटीबाडी बूस्ट हो जाती है। इससे जितना अधिक समय बीतेगा, एंटीबाडी उसी मात्रा में कमजोर होगी। जितनी अधिक एंटीबाडी कमजोर होगी, उतनी ही कम मात्रा में दूसरी डोज उसे बूस्ट कर पाएगी। इसलिए समय से दूसरी डोज न लगवाने वालों पर टीका कम मात्रा में काम करेगा।

बूथों पर कम संख्या में पहुंच रहे लोग

कोविड टीकाकरण अभियान में अब मुश्किलें शुरू हो गई हैं। लगभग एक तिहाई लोगों को अभी तक पहली डोज नहीं पाई है और बूथों पर लगभग सन्नाटा पसरा है। एक बूथ पर औसत लगभग सौ लोगों का टीकाकरण हो रहा है, जबकि चार सौ का लक्ष्य रखा गया है।

दूसरी डोज न लगवाने वालों वालों की तलाश की जा रही है। पहली डोज से वंचित लोग भी बहुत कम मात्रा में बूथों पर पहुंच रहे हैं, जबकि अभी इनकी संख्या लगभग 11 लाख है। अनेक गांवों के प्रधान से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उनके गांव में सभी को पहली डोज लगाई जा चुकी है, जबकि हमारी सूची के अनुसार उन गांवों में कुछ लोग वंचित हैं। दस्तक अभियान के अलावा भी टीमें गांवों में जाकर वंचित लोगों की सूची बना रही हैं। शीघ्र टीकाकरण पूरा हो, इसके लिए गांवों में 30 मोबाइल वैन भी लगाई गई हैं। - डा. सुधाकर पांडेय, सीएमओ।

टीकाकरण- एक नजर

टीकाकरण का लक्ष्य- 35.30 लाख

अभी तक पहली डोज- 23.84 लाख

दूसरी डोज- 10.06 लाख

पहली डोज से वंचित 11.46 लाख

समय पूरा होने के बाद दूसरी डोज से वंचित- 2.63 लाख

नोट- आंकड़े मंगलवार की शाम पांच बजे तक के हैं।


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