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गुरुजी ने कक्षा में क्या पढ़ाया इसकी होगी निगरानी Gorakhpur News

दीक्षा एप की निगरानी भी महानिदेशक स्वयं कर रहे हैं। इस एप पर शिक्षकों के साथ ही स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए पाठ्यक्रम उपलब्ध है। इस व्यवस्था के तहत शिक्षकों के लिए हर हफ्ते का पाठ्यक्रम भी तय है जिसके अनुसार वह पठन-पाठन कराएंगे।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 14 Nov 2020 09:09 AM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 09:09 AM (IST)
गुरुजी ने कक्षा में क्या पढ़ाया इसकी होगी निगरानी Gorakhpur News
बेसिक शिक्षा परिषद का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की आनलाइन लर्निंग पासबुक बनाने की बेसिक शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके जरिये शिक्षक ने कक्षा में कितनी देर ब'चों को पढ़ाया और क्या पढ़ाया इसकी निगरानी होगी। शिक्षक ने कितनी शैक्षिक सामग्री का उपयोग किया है, यह भी एक क्लिक में सामने होगा। इस नई पहल के तहत शिक्षकों को तय समय में कक्षावार उपलब्ध अध्ययन सामग्री को छात्रों को पढ़ाना होगा। शिक्षकों को लर्निंग पासबुक में पढ़ाई गई सामग्री को डेबिट और क्रेडिट के खाते में दर्ज भी करना होगा। इस एप की हर गतिविधि को मानव संपदा पोर्टल पर आनलाइन दर्ज किया जाएगा। शिक्षकों के लिए तैयार लर्निंग पासबुक, डिजिटल डायरी की तर्ज पर काम करेगा।

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दीक्षा एप की निगरानी भी महानिदेशक स्वयं कर रहे हैं। इस एप पर शिक्षकों के साथ ही स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए पाठ्यक्रम उपलब्ध है। इस व्यवस्था के तहत शिक्षकों के लिए हर हफ्ते का पाठ्यक्रम भी तय है, जिसके अनुसार वह पठन-पाठन कराएंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्‍द्र नारायण सिंह का कहना है कि आनलाइन लर्निंग पासबुक को लेकर विभागीय स्तर पर तैयारी चल रही है। इसका उद्देश्य पठन-पाठन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

आइजीआरएस की सुनवाई में बेसिक शिक्षा प्रदेश में अव्वल

समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आइजीआरएस) पर सुनवाई के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग ने पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। गोरखपुर समेत 11 जनपदों ने शत-प्रतिशत शिकायतों का निवारण कर प्रदेश में यह उपलब्धि अपने नाम की है। डेढ़ साल बाद गोरखपुर बेसिक विभाग को उपलब्धि मिलने से अधिकारी से लेकर कर्मचारी सभी उत्साहित हैं। वर्ष 2018 के जून माह में विभाग ने यह उपलब्धि हासिल की थी। उसके बाद से लगातार विभाग लक्ष्य हासिल करने से चूक जा रहा था। शासन स्तर पर होने वाली बैठक में विभाग को छवि सुधारने का निर्देश दिया जा रहा था। जिसके बाद विभाग ने आइजीआरएस की शिकायतों के निपटारे के लिए टीम गठित की। इसी का परिणाम है कि विभाग ने एक बार फिर पहले पायदान पर कब्जा जमाया है।

जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ने बताया कि पहला पायदान मिलने से अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों सभी का मनोबल बढ़ेगा। इस उपलब्धि के बाद आगे अच्छा परिणाम देने की कोशिश जारी रहेगी। अक्टूबर महीने की जनसुनवाई में हम पहले स्थान पर रहे हैं। 


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