माता-पिता को खोने वाले बच्चों का सहारा बनेगी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना
विधायक रवि सोनकर जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेश कुमार प्रजापति ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत चयनित 46 बच्चों को योजना के तहत स्वीकृत की गई धनराशि का पत्र सौंपा।
बस्ती: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोरोना संक्रमण में अनाथ हुए बच्चों का सहारा बनेगी। उत्तर प्रदेश ऐसी योजना लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य है।
यह बातें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लोक भवन लखनऊ के सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। बस्ती के कलेक्ट्रेट सभागार में कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय तथा डिग्री कालेज में अध्ययनरत माता-पिता विहीन छात्रों को गोद लेने के लिए सभी विभागाध्यक्षों एवं कुलपतियों को निर्देशित किया है। उन्होंने इस योजना के लोगों का बटन दबाकर अनावरण किया। कहा कि योजना के तहत बालिकाओं के विवाह के लिए 1.01 लाख दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत कुल 4050 बच्चों को चिह्नित किया गया है, इसमें से 240 बच्चों के माता-पिता दोनों की मार्च 2020 से अब तक कोरोना के कारण मृत्यु हो गई है। 3810 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता या पिता में से किसी एक की कोरोना से मृत्यु हुई है। ऐसे प्रत्येक परिवार को 4000 रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण के लिए दिया जाएगा। 4050 बच्चों के खाते में 4.86 करोड़ रुपये की धनराशि बटन दबाकर आनलाइन स्थानातरित की। यह धनराशि प्रत्येक बच्चे के भरण-पोषण के लिए तिमाही किश्त 12000 रुपये खाते में भेजी गई। प्रदेश की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्वाती सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
विधायक रवि सोनकर, जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेश कुमार प्रजापति ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत चयनित 46 बच्चों को योजना के तहत स्वीकृत की गई धनराशि का पत्र सौंपा। सांसद प्रतिनिधि राजेश पाल चौधरी, सदर विधायक प्रतिनिधि राज कुमार शुक्ल, राजेश सिंह, सुनील सिंह, बीएसए जगदीश शुक्ल, जिला प्रोबेशन अधिकारी अनुपम यादव, बाल संरक्षण अधिकारी बीना सिंह, मानवी सिंह आदि मौजूद रहे। डीएम ने बच्चों से किया संवाद,दिया मदद का भरोसा
जिलाधिकारी ने कार्यक्रम के दौरान पीड़ित परिवार एवं बच्चों से भेंट कर उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जाएगा। कहा कि वे अपनी समस्याओं के संबंध में समय-समय पर उनसे अथवा सीडीओ से संपर्क करके अवगत कराते रहें। बच्चों की शिक्षा एवं भरण-पोषण से हट कर भी कोई समस्या हो तो भी अवगत करा सकते हैं। डीएम ने सीडीओ तथा सीआरओ नीता यादव के साथ प्रत्येक परिवार से भेंट किया तथा उनकी समस्याएं सुनी। सहायक भूलेख अधिकारी राघवेंद्र पांडेय ने सबकी समस्याओं को नोट किया। जिलाधिकारी के निर्देश पर बाल संरक्षण अधिकारी बीना सिंह ने सभी की समस्याओं से संबंधित प्रार्थना पत्र प्राप्त किया। गोरखपुर में संविदा पर तैनात रहे हेमवंत कुमार सिंह की पत्नी द्वारा बताया गया कि उनके हिस्से की भूमि का अभी तक वरासत दर्ज नहीं हुआ है। सीआरओ ने संबंधित एसडीएम से फोन पर वार्ता करके तत्काल वरासत दर्ज करवाया। संबंधित परिवार ने तहसील सदर में जा कर नकल भी प्राप्त कर लिया।