UP के इस जिले में धान क्रय केंद्र के प्रभारियों ने हड़प लिए किसानों के 3.86 करोड़ रुपये, ऐसे खुला राज
यूपी के कुशीनगर जिले में दो क्रय केंद्र प्रभारियों ने एक ही किसान से एक खतौनी पर 1084 क्विलंटल धान की खरीद की थी। इस मामले में शासन स्तर से चार लोगों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है।
गोरखपुर, जेएनएन। पडरौना जिले के हाटा तहसील क्षेत्र में धान खरीद में धांधली का खेल पहले भी हो चुका है। वर्ष 2018-19 में भी दो क्रय केंद्र के प्रभारियों ने मिलकर 3.86 करोड़ रुपये का बंदरबांट किया था। दोनों सचिव बर्खास्त कर दिए गए थे, उनमें से एक अभी जेल में ही बंद है। नए मामले में दो क्रय केंद्र प्रभारियों ने एक ही किसान से एक खतौनी पर 1084 क्विलंटल धान की खरीद की थी। इस मामले में शासन स्तर से चार लोगों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है। जांच का दायरा आगे बढ़ी तो कई सफेदपोश खाद्यान्न माफिया के चेहरे भी सामने आ सकते हैं। मामले का भंडाफोड़ होने के बाद परत-परत दर खुलने लगी है। जांच स्पष्ट हो गया है कि खाद्यान्न माफिया के खेल में जिम्मेदार भी शामिल रहे हैं, जिनकी वजह से औने-पौने दामों पर धान बेच किसान लुटते रहे और माफिया व अधिकारी मालामाल होते रहे।
लखनऊ से पकड़ी गई थी धांधली
हाटा तहसील के पैकौली व करमहां क्रय केंद्र पर दिसंबर 2020 के अंतिम सप्ताह में फर्जी ढंग से धान बेचने का मामला शासन स्तर पर जनवरी 2021 के पहले सप्ताह में लखनऊ से पकड़ी गई थी, इसमें पाया गया था कि एक ही किसान एक खतौनी लगाकर दो क्रय केंद्रों पर 1084 क्विंटल धान बेचा है। जिसकी सूचना मिलने पर डीएम एस राज लिंगम के निर्देश पर 11 जनवरी को एडीएम विंध्यावासिनी राय व डिप्टी आरएमओ विनय प्रकाश ङ्क्षसह ने मामले की जांच की थी, जिसकी रिपोर्ट मे प्रथम दृष्टया खतौनी सत्यापन करने वाले एसडीएम हाटा के कंप्यूटर आपरेटर मिथिलेश कुमार शर्मा, तथाकथित किसान प्रिंस कुमार सिंह, केंद्र प्रभारी विनय कुमार व चंद्रशेखर बरनवाल समेत दो लेखपाल भी दोषी पाए गए थे।
13 जनवरी की देर शाम पीसीयू के जिला प्रबंधक रवि यादव की तहरीर अनुसार प्रिंस कुमार सिंह ने फर्जी खतौनी लगाकर दोनों क्रय केंद्रों पर कुल 1084 क्विंटल धान बेचा है। इसमें दोनों लेखपालों को छोड़ चार लोगों के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में डीएम ने एसडीएम से स्पष्टीकरण भी मांगा था कि आइडी व पासवर्ड पर फर्जी ढंग से सत्यापन कैसे किया गया। एसडीएम ने मामले में जानकारी न होने की बात ने लिखी थी। इस मामले में शासन स्तर पर ही जनवरी में हुई जांच में कुल 15 लोग दोषी पाए गए थे, जिसमें पिछले गुरुवार को देर शाम हुई कार्रवाई में पीसीयू के जिला प्रबंधक समेत चार अधिकारियों को निलंबित करने की बात सामने आयी। माना जा रहा है कि शीघ्र ही राजस्व कर्मियों समेत 11 लोगों पर कार्रवाई होगी।
3.86 करोड़ के घोटाले में फरार पूर्व सचिव जेल में बंद
सुकरौली ब्लाक के गांव बरौली व महुअवां समिति के सचिव के पद पर रहते हुए नरङ्क्षसह ने वर्ष 2018-19 में धान व 2019-20 में गेहूं खरीद के अलावा खाद बिक्री का पैसा जमा नहीं किया। यही नहीं धान व गेहूं खरीद के तीन करोड़ 80 लाख रुपये अलग-अलग खातों में स्थानान्तरित कर दिया और छह लाख रुपये खाद बिक्री का भी गबन कर लिया। विभागीय जांच में आठ लोगों के नाम सामने आए थे, जिनके खाते में धनराशि स्थानान्तरित की गई थी। जांच में नाम सामने आने पर शासन ने सचिव को तत्काल बर्खास्त करते हुए धनराशि रिकवरी करने का निर्देश दिया था।
इस मामले में अपर जिला सहकारी अधिकारी हाटा वीरेंद्र प्रताप सिंह की तहरीर पर अहिरौली बाजार थाने की पुलिस ने लोहझार के पूर्व सचिव नरसिंह हसमेत आठ के लोगों के खिलाफ 19 फरवरी 2020 को धोखाधड़ी व गमन का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपित सचिव को बीते नवंबर में गिरफ्तार किया गया था, जो अब भी जेल में बंद है। अभी सात आरोपित पुलिस पकड़ से बाहर हैं।
शासन स्तर पर निर्देश अभी कोई निर्देश नहीं मिला है। मिलते ही अन्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। गड़बड़ी को देखते हुए अन्य खरीद एजेंसियों के क्रय केंद्रों की जांच कराई जाएगी। किसी कीमत पर खाद्यान्न माफिया व संलिप्त अधिकारी तथा कर्मचारी बख्शे नहीं जाएंगे। - एस राजलिंगम, जिलाधिकारी।