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सहेज रहे यादें, दे रहे हरियाली का संदेश, ब्रह्मभोज में पहुंचकर स्वजन से एक पौधा लगवाते हैं डा. प्रवीण

बडहलगंज इलाके के डा. प्रवीण स्‍वजनो की याद में लोगों को पौधा रोपण करने के लिए प्रेरित करते हैं। खासकर ब्रह्मभोज के मौके पर वह संबंधित व्‍यक्ति के घर पहुंचकर परिवार के लोगों से पौधा रोपण कराते हैं।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 10:15 AM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 10:15 AM (IST)
सहेज रहे यादें, दे रहे हरियाली का संदेश, ब्रह्मभोज में पहुंचकर स्वजन से एक पौधा लगवाते हैं डा. प्रवीण
बह्मभोज में पहुंचकर परिवार से पौधा रोपण कराते हैं डा. प्रवीण। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। एक अनोखी पहल के जरिये शिक्षक डा. प्रवीण त्रिपाठी ने पर्यावरण को बचाने के लिए एक सामाजिक आंदोलन खड़ा कर दिया है। किसी की मौत होने पर वह ब्रह्मभोज में पहुंचकर मृतक की स्मृति में परिवार के किसी सदस्य से एक पौधा लगवाते हैं। इसकी देखभाल ऐसे की जाती है जैसे वह परिवार का हिस्सा हो। जिले के दक्षिणांचल में उनका यह प्रयास अब रंग लाने लगा है। पौधरोपण अब ब्रह्मभोज का हिस्सा बनता जा रहा है।

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तीन साल पहले की थी आंसू पोंछो, वृक्ष लगाओ अभियान की शुरुआत

गोला के मन्नीपुर गांव निवासी व क्षेत्र के वीएसएवी इंटर कालेज में शिक्षक डा. प्रवीण ने 'आंसू पोंछो, वृक्ष लगाओ' अभियान की शुरुआत तीन साल पहले की।पर्यावरण संरक्षण के लिए शुरू किए गए इस अभियान के प्रति उनकी दीवानगी व मेहनत देख स्थानीय लोग तेजी से जुडऩे लगे।

कर्मकांडी विद्वानों से मिलकर लोगों को किया प्रेरित

पहले जब वह पौधा लेकर किसी घर जाते तो लोग रुचि नहीं लेते थे, लेकिन अपने धुन के पक्के डा. प्रवीण हतोत्साहित नहीं हुए।अभियान को आगे बढ़ाने के लिए कर्मकांडी विद्वानों व आचार्यो से मिले और पौधरोपण को कर्मकांड में शामिल करने का अनुरोध किया। इसके बाद अभियान ने गति पकड़ी।

वाल पेंटिग कराकर करते हैं लोगों को प्रेरित

पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए वह विद्यालय, चौराहा, श्मशान घाट पर स्वजन की याद में पौधरोपण करने के लिए दीवार पर पेंटिाग कराने के साथ ही पोस्टर लगवाते हैं। अब गांव-गांव में छात्र, शिक्षक व पढ़े-लिखे लोग इसमें रूचि लेने लगे हैं।

अब रश्‍म बन गई है अपनों की याद में पौधे लगना

क्षेत्र में मृतक की याद में पौधरोपण सामान्य रस्म बनता जा रहा है। डा. प्रवीण कहते हैं कि अब तक दिवंगत की याद में 1500 से अधिक पौधे लगवा चुके हैं।उनका अभियान पौधरोपण के साथ ही पौधे के संरक्षण पर भी होता है,जिससे क्षेत्र हरा-भरा हो सके।


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