पुल के लिए नदी में खड़े होकर कर रहे सत्याग्रह
वर्षो से लोग लकड़ी के पुल से नदी पार कर रहे हैं। स्वीकृत होने के बाद भी नहीं बन रहा पुल।
गोरखपुर : संतकबीर नगर कोतवाली खलीलाबाद की सीमा पर स्थित असनहरा गांव मे कठिनइया नदी पर पक्का पुल की मांग लेकर चल रहा जल सत्याग्रह व धरना 22वें दिन भी जारी रहा। सत्याग्रही सुबह आठ बजे कठिनइया नदी में उतरे और करीब पांच घंटे तक जल सत्याग्रह किया। इसके बाद नदी किनारे धरना दिया।
बता दें कि सेमरियावां ब्लाक के राजस्व ग्राम असनहरा के लोग दशकों से पक्का पुल बनाने की मांग कर रहे हैं। यहां पक्का पुल न होने से स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी पुल निर्माण के लिए कई बार आंदोलन चुके हैं। ग्रामीणों की मांगों को अधिकारियों द्वारा नजरअंदाज किए जाने के कारण ग्रामीणों ने जल सत्याग्रह शुरू किया है।
एक अगस्त से ही यहां जल सत्याग्रह और धरना प्रदर्शन चल रहा है। जल समाधि संघर्ष मोर्चा के संयोजक/संस्थापक शैलेश कुमार राजभर ने कहा कि जब तक पुल सड़क का निर्माण शुरू नही किया जाता है और पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता के विरुद्ध जनहित गारंटी का मुकदमा पंजीकृत नहीं हो जाता है तब तक सत्याग्रह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कठिनइया नदी पर, बूधा-बांध, डारीडीहा, कुसमैनी में मिलाकर पांच पुल बने हैं जो सभी दो किलोमीटर के अंदर ही है ¨कतु असनहरा घाट पर नदी में पुल नहीं बनाया जा रहा है। सरोजा राजभर ने कहा कि जब चार वर्ष पूर्व पुल सड़क की प्रशासकीय स्वीकृति शासन से मिली तो फिर इसे निरस्त करना जनहित के विरुद्ध है। मोर्चा अध्यक्ष राम सुमिरन राजभर ने कहा कि 15 सौ लोग प्रति दिन बांस के पुल से आते जाते हैं। इस अवसर पर देवी शरण गौंड़, देवेंद्र राजभर, कोमल, रामकेश, कर्मावती, रामदीन, केवला देवी, सुदामा देवी, रामनेवास आदि उपस्थित रहे।