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तबाही मचाने को सरयू नदी तैयार- देवरिया में लाल निशान पार, बस्‍ती में भी उफनाई Gorakhpur News

सरयू नदी तबाही मचाने को तैयार है। यह नदी देवरिया में लाल निशान के ऊपर पहुंच गई है जबकि ब‍स्‍ती जिले लाल निशान को छूने वाली है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 02:06 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 02:06 PM (IST)
तबाही मचाने को सरयू नदी तैयार- देवरिया में लाल निशान पार, बस्‍ती में भी उफनाई Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। सरयू नदी तबाही मचाने को तैयार है। यह नदी देवरिया में लाल निशान के ऊपर पहुंच गई है जबकि ब‍स्‍ती जिले लाल निशान को छूने वाली है। सरयू नदी पूर्वांचल के कई जिलों में हर साल तबाही मचाती है। सरयू के उफनाने से लोग दहशत में हैं।

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देवरिया में सोमवार को सुबह सरयू नदी ने बरहज में खतरे के निशान को छू लिया। नदी लाल निशान 66.50 मीटर से 10 सेमी उपर 66.60 मीटर पर प्रवाहित हो रही है। हालांकि अभी किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। बरहज घाट पर स्नान करने वालों को गहरे पानी में न जाने की सलाह दी है। नदी के उफना जाने से तटवर्ती गांवों के लोगों की नींद उड़ गई है। संवेदनशील बिंदु कटइलवा, कपरवार संगम तट पर कटान और तेज हो गई है।

नदी की लहरें थोक के भाव किसानों की खेती निगल रही हैं। विशुनपुर के देवार में मैदानी इलाकों में नदी का पानी फैल रहा है। परसिया देवा-नुरुल्लाहपुर तटबंध की जर्जर हालत देखकर ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। रगड़गंज, पैना, केवटलिया, देवसिया, भागलुपर आदि स्थानों पर भी स्थिति गंभीर होती जा रही है। उधर, राप्ती व गोर्रा का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। सुबह 11 बजे राप्ती का जलस्तर 68.90 मीटर व गोर्रा का जलस्तर 69.50 मीटर दर्ज किया गया। हालांकि अभी दोनों नदियां खतरे के निशान से काफी नीचे हैं। प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों को नदी में नहीं जाने की सलाह दी है।

बस्‍ती में खतरे के निशान से मात्र 54 सेंटीमीटर नीचे

बस्ती में सोमवार सुबह सरयू नदी का जलस्तर 92.19 मीटर दर्ज किया गया जो खतरे के निशान 92.73 मीटर से महज 54 सेंटीमीटर नीचे है। नदी का जलस्तर स्थिर होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। अप स्ट्रीम में नदी एल्गिन ब्रिज पर भी स्थिर बताई जा रही है। नदी के कैचमेंट एरिया में बारिश न होने से नदी के जलस्तर में वृद्धि कम हुई है। खजांचीपुर गांव के पास कृषि योग्य भूमि लगातार कट कर धारा में विलीन हो रही है। गौरा-सैफाबाद तटबंध पर टकटकवा, दिलाशपुरा व गौरा गांव के पास भी खेती की जमीन नदी की धारा में समा रही है। दिलाशपुरा व टकटकवा के बीच कटान करते हुए नदी तटबंध की तरफ लगातार बढ़ रही है। पारा और पहड़वापुर गांव के पास गत वर्ष तक जो घर नदी की कटान की जद में थे वह एक बार फिर धारा में समाने की स्थिति में आ गए हैं। स्थानीय निवासी हरीराम यादव के पक्के मकान का अधिकांश हिस्सा व दुर्गा मंदिर कटान की वजह से कभी भी धारा में विलीन हो सकता है।

नदी और तटबंध के बीच के गांव संवदेनशील

पहड़वापुर गांव नदी और तटबंध के बीच स्थित है। जिस वजह से यहां के लोग बाढ़ की चपेट में तो हर साल आते हैं। पहले जब नदी गांव से दूर थी तब लोगों ने पक्के मकान बनाए थे। फिलहाल जो घर नदी की कटान की जद में हैं उनको लोगों खाली कर दिया है।

स्परों पर नदी का दबाव

खाली जमीनों को काटने के साथ स्परों पर भी धारा का दबाव लगातार बढ़ रहा है। जिसके चलते कई स्परों के आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है। किशुनपुर मोजपुर रिंग बांध पर भी दबाव बढ़ रहा है। सहायक अभियंता जीतेंद्र कुमार ने बताया कि तटबंध को बचाने के लिए भरपूर सामग्री स्टोर कर ली गई है। तटबंध सुरक्षित हैं।


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