वीडीओ भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी बन इंतहान दे रहा साल्वर, हो गया गिरफ्तार
वह साल्वर बिहार के नालंदा का रहने वाला है। वह साल्वर है और 20 हजार रुपये में दूसरी की जगह परीक्षा दे रहा था। एसटीएफ ने उसे गिरफतार कर लिया।
गोरखपुर, जेएनएन। ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) की शनिवार को चल रही भर्ती परीक्षा में वास्तविक अभ्यर्थी की जगह शामिल एक साल्वर को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। शाहपुर क्षेत्र के विमल मांटेसरी गर्ल्स इंटर कॉलेज से उसे गिरफ्तार किया गया। साल्वर के पास मिली प्रश्न पुस्तिका और ओएमआर शीट को एसटीएफ ने कब्जे में ले लिया है। उसके पास से वास्तविक अभ्यर्थी का आधार कार्ड भी बरामद हुआ है। एसटीएफ इंस्पेक्टर की तहरीर पर साल्वर के विरुद्ध शाहपुर थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी, अभिलेखों में हेरफेर करने और अभिलेखों की हेराफेरी करने में इलेक्ट्रानिक उपकरणों का उपयोग करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है।
साल्वर की पहचान नालंदा, बिहार के अजयपुर, थाना नूनसराय निवासी मनीष कुमार के रूप में हुई है। वीडीओ भर्ती परीक्षा परीक्षाओं में कुछ अभ्यर्थियों की जगह साल्वर गिरोह के सदस्यों के शामिल होने की एसटीएफ के अधिकारियों को सूचना मिली थी। एसटीएफ के आइजी अमिताभ यश और एसएसपी अभिषेक सिंह ने गोरखपुर इकाई को साल्वर गिरोह का भंडाफोड़ करने का निर्देश दिया था। शनिवार को सुबह चल रही परीक्षा में शाहपुर क्षेत्र के धर्मपुर स्थित विमल मांटेसरी गर्ल्स इंटर कॉलेज में एक साल्वर के परीक्षा में शामिल होने का एसटीएफ की टीम को पता चला। इसी आधार पर इस टीम ने 10.30 बजे विद्यालय में छापेमारी कर साल्वर को गिरफ्तार किया। वह मुक्तलीपुर, आजमगढ़ के मोलनापुर निवासी विकास कुमार की जगह परीक्षा दे रहा था।
फोटोशॉप से तैयार की थी फोटो पूछताछ में साल्वर ने बताया कि परीक्षा प्रबंधन से जुड़े और कक्ष निरीक्षकों को धोखा देने के लिए उसके गिरोह के लोगों ने फोटोशॉप तकनीक की मदद से वास्तविक अभ्यर्थी से मिलता-जुलता फोटो तैयार किया था। इस गिरोह के लोग वास्तविक अभ्यर्थी और साल्वर की फोटो को फोटोशॉप से मिलाकर ऐसी फोटो तैयार करते हैं, जो दोनों के चेहरे-मोहरे से काफी हद तक मिलता है। इसी तकनीक से तैयार फोटो आवेदन पर लगाया गया था। वही फोटो लगा प्रवेश पत्र लेकर साल्वर परीक्षा केंद्र में पहुंचा था।
20 हजार रुपये में हुआ था सौदा वास्तविक अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने के लिए मनीष कुमार को 20 हजार रुपये मिलने थे। 10 हजार रुपये उसने पहले ही ले लिया था। शेष रकम परीक्षा देने के बाद मिलनी थी। मनीष पटना में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता है। पटना में ही वह साल्वर गैंग के संपर्क में आया था।
प्रयागराज व पटना के युवक चलाते हैं साल्वर गैंग
पटना और प्रयागराज के कुछ युवक साल्वर गैंग चलाते हैं। एसटीएफ की छानबीन में पता चला है कि पटना के नवीन पांडेय और राजीव रंजन इस गिरोह के मास्टर माइंड हैं। इलाहाबाद, प्रयागराज के नवाबगंज निवासी संदीप प्रजापति, गौमत मिश्र उर्फ विपिन और शैलेश कुमार मिश्र उर्फ दीपू भी इस गिरोह में शामिल हैं।
तैयारी करने वालों को बनाते हैं मोहरा
साल्वर गैंग के लोग पटना और प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को मोहरा बनाते हैं। इस गिरोह के लोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों से पहले दोस्ती करते हैं। भरोसे में लेने के बाद उनको वास्तविक अभ्यर्थी की जगह प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए तैयार करते हैं। दूसरी तरफ प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से खुद ही संपर्क कर उनकी जगह साल्वर को परीक्षा में बिठाने का सौदा करते हैं।