Move to Jagran APP

दो किश्त मिलने के बाद भी नहीं बनवाई छत, 143 प्रधानमंत्री आवास अधूरे

डीएम सीडीओ व पीडी-डीआरडीए की सख्ती के बाद भी पिछले चार वित्तीय सत्र 143 प्रधानमंत्री आवास अब भी अधूरे हैं। जबकि इन लाभार्थियों को तीन में से दो किश्त मिल चुकी है। कई बार चेतावनी के बाद भी इन लाभार्थियों ने आवास पूर्ण रूप से नहीं बनाया।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 12:10 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 12:10 PM (IST)
दो किश्त मिलने के बाद भी नहीं बनवाई छत, 143 प्रधानमंत्री आवास अधूरे
दो किश्त मिलने पर भी नहीं बनवाई छत। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : संतकबीर नगर में डीएम, सीडीओ व पीडी-डीआरडीए की सख्ती के बाद भी पिछले चार वित्तीय सत्र 143 प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) अब भी अधूरे हैं। जबकि इन लाभार्थियों को तीन में से दो किश्त मिल चुकी है। कई बार चेतावनी के बाद भी इन लाभार्थियों ने आवास पूर्ण रूप से नहीं बनाया। अब विकास महकमा ऐसे लाभार्थियों से सरकारी धनराशि की वसूली करेगा। पैसा वापस नहीं लौटाने वाले के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। इसकी तैयारियां चल रही हैं।

loksabha election banner

दूसरी किश्त पाने के बाद भी सिर्फ नींव तक ही कराया काम

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास बनाने के लिए प्रत्येक लाभार्थी को पहली-40 हजार रुपये, दूसरी-70 हजार रुपये तथा तीसरी किश्त के रूप में 10 हजार रुपये उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। इस प्रकार प्रत्येक लाभार्थी को आवास बनाने के लिए 1.20 लाख रुपये मिलते हैं। जनपद में ऐसे भी लाभार्थी हैं, जो दूसरी किश्त पा चुके हैं, लेकिन ये सिर्फ नींव तक ही काम कराए हैं। वहीं कुछ ने नींव चलाने के बाद थोड़ी दो-तीन फीट ऊंची दीवार भी चलाई है, जबकि नियमानुसार पहली किश्त से नींव और दूसरी किश्त से छत स्तर तक दीवार का काम पूर्ण हो जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

जांच में चिह्नित हुए 143 लाभार्थी

पीडी डीआरडीए की जांच में ऐसे 143 लाभार्थी चिह्नित हुए हैं। इसमें वित्तीय सत्र 2016-17 के 31, 2017-18 के 28, 2018-19 के नौ तथा 2019-20 के 75 लाभार्थी शामिल हैं। गांव में तैनात पंचायत सचिव यदि बीच-बीच में गांव में जाकर निर्माण कार्य की जांच करते और लाभार्थियों को टोकते तो यह नौबत न आती। तमाम पंचायत सचिव ब्लाक मुख्यालय में बैठकर गांवों का काम निपटाते हैं। जांच का भय न होने की वजह से आवास बनवाने के बजाय लाभार्थियों ने सरकारी धनराशि का दुरुपयोग कर लिया। बहरहाल अब विकास महकमा इन लाभार्थियों से सरकारी धनराशि की वसूली करेगा। यदि इन लाभाॢथयों ने आवास के दोनों किश्त का पैसा जल्द नहीं लौटाया तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है।

नियमित रूप से जांच होती तो नहीं होती गड़बड़

पीडी डीआरडीए प्रमोद कुमार यादव ने कहा कि यदि पंचायत सचिव नियमित रूप से निर्माण कार्यों की जांच करते तो शायद यह स्थिति न आती। इनके जांच न करने की वजह से 143 प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) अधूरे हैं। पंचायत सचिवों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.