Move to Jagran APP

बारिश से उफनाई नदी, नारायणी के कहर से बर्बाद हुई पांच सौ एकड़ फसल

नारायणी नदी बाढ़ से पहले ही कहर बरपाने लगी है। कुशीनगर में बारिश से उफनाई नदी का पानी खेतों में उतरा तो एपी बांध के किनारे बसे एक दर्जन से अधिक टोलों के किसानों की धान व गन्ने की पांच सौ एकड़ फसल बर्बाद हो गई है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 09:10 PM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 09:10 PM (IST)
बारिश से उफनाई नदी, नारायणी के कहर से बर्बाद हुई पांच सौ एकड़ फसल
गन्ने के खेत में भरा नारायणी का पानी। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : तबाही की इबारत लिखने वाली नारायणी बाढ़ से पहले ही कहर बरपाने लगी है। कुशीनगर में बारिश से उफनाई नदी का पानी खेतों में उतरा तो एपी बांध के किनारे बसे एक दर्जन से अधिक टोलों के किसानों की धान व गन्ने की पांच सौ एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। दूसरी ओर विभाग का कहना है कि उसका काम बांध का रखरखाव करना व बाढ़ से बचाव करना जिम्मेदारी है। जलभराव से फसल बर्बाद होने की जानकारी होने से भी इन्कार कर दिया।

loksabha election banner

नारायणी का पानी आ गया खेतों में

दरअसल, पानी के बढ़े डिस्चार्ज के चलते पिछले सप्ताह एपी बांध के नरवाजोत एक्स्टेंशन के समीप नारायणी ओवरफ्लो हुई और पानी खेतों में उतर आया। फसलें जभराव से जूझने लगीं तो उससे ऊबर ही नहीं पाईं और बर्बाद हो गईं। अब तक पिपराघट एहतमाली के उपाध्याय टोला, दहारी टोला, तवक्कल टोला, भंगी टोला, तेजू टोला, मोतीराय टोला, बुटन टोला, शिव टोला, देव नारायण टोला, जोगिनी टोला, नरवाजोत टोला में 200 एकड़ धान व 300 एकड़ गन्ना की फसल बर्बाद हो चुकी है। अन्य टोलों की फसलों पर भी खतरा मंडरा रहा है। दूसरी ओर लगातार पांचवें दिन डिस्चार्ज व जलस्तर स्थिर रहा। बाल्मीकि नगर बैराज से डिस्चार्ज 1.63 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। नदी का जलस्तर खतरे के निशान 76.20 मीटर से 1.10 मीटर नीचे 75.10 पर स्थिर है। नदी यदि कटान शुरू की तो स्थिति काफी भयावह होगी।

क्या कहते हैं किसान

पुजारी सिंह, हृदया सिंह, हरिहर यादव, वर्मा शाह, राम सकल, दूधनाथ, कपिलदेव आदि ने विभाग को दोषी ठहराते हुए कहा कि अगर समय रहते बांध मरम्मत का कार्य पूरा करा लिया जाता तो इतना नुकसान नहीं होता। किसानों ने बताया कि बर्बाद फसल का मुआवजा तक नहीं दिया जाता है।

बांध पर दबाव बरकार

एपी बांध के किमी 12.500 से किमी 13.500 बाघाचौर नोनिया पट्टी के सामने व नरवाजोत विस्तार बांध, अमवाखास बांध के किमी 7.500 से किमी 8.600 व लक्ष्मीपुर में बांध पर दबाव बरकार है। हालांकि नरवाजोत-पिपराघाट बांध के किमी 950 से किमी 1.1450 पर स्लोप का पिचिंग कार्य कराया जा रहा है। नोनियापट्टी, बाघाचौर, नोनियापट्टी व अहिरौलीदान में संवेदनशील प्वाइंटों पर विभाग निगरानी कर रहा है।

बांध को नहीं है कोई खतरा

बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता एमके सिंह ने बताया कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है। बचाव कार्य चल रहा है। फसलों के बर्बाद होने की कोई जानकारी मुझे नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.