सिद्धार्थनगर में राप्ती नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी, कई गांव हो गए टापू में तब्दील
राप्ती नदी के जलस्तर में हो रहे लगातार इजाफे से दर्जनभर गांव जहां टापू में तब्दील हो चुके हैं। वहीं बेतनार पिकौरा और वीरपुर कोहल का संपर्क मुख्य मार्ग से कट गया है। इन गांवों तक आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : सिद्धार्थनगर में राप्ती नदी के जलस्तर में हो रहे लगातार इजाफे से दर्जनभर गांव जहां टापू में तब्दील हो चुके हैं। वहीं बेतनार, पिकौरा और वीरपुर कोहल का संपर्क मुख्य मार्ग से कट गया है। इन गांवों तक आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है। राहत और बचाव के नाम पर सिर्फ प्रशासन ने नाव उपलब्ध कराने का काम किया है। खेत में रोपाई डूब गई है, जिसके चलते फसल के सड़ने का खतरा बढ़ गया है।
जलस्तर में वृद्धि के कारण भयावह हो गई स्थिति
लगातार राप्ती के जलस्तर में वृद्धि के वजह से भनवापुर व डुमरियागंज क्षेत्र में बाढ़ से भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है। चार दिनों से लगातार जलस्तर में बढ़त के कारण वीरपुर कोहल, मधुकरपुर चौबे, पेड़रियाजीत, तेनुई, मलदा, बेतनार, भरवठिया, बिलरिया में हालात बद से बदतर हो गए हैं। मन्नीजोत प्रतिनिधि के अनुसार बेतनार, बीरपुर कोहल और पिकौरा का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है।
एक दर्जन से अधिक गांव बन गए टापू
एक दर्जन से अधिक गांव टापू में तब्दील होते दिखाई दे रहे हैं। सुमिरन, मोईनुद्दीन, दिलशाद, गोविंद ने बताया कि अभी तक प्रशासन ने राहत एवं बचाव की दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया। यही स्थिति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिरसिया और पावर हाउस की भी है। इन दोनों संस्थाओं के आवासीय परिसर से कार्यालय आने में भारी असुविधा हो रही है। विद्युत सब स्टेशन में लगातार पानी भरने से आपूर्ति कभी भी बाधित हो सकती है।
दो मोटरबोट व पांच नाव किया गया प्रबंध
डुमरियागंज के एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि बाढ़ग्रस्त गांव में सुविधा के लिए दो मोटरबोट और पांच नाव का प्रबंध कर दिया गया है। निगरानी में तहसीलदार राजेश प्रताप सिंह, नायब तहसीलदार और सभी लेखपालों की ड्यूटी लगाई गई। बलरामपुर जिले से भी हम संपर्क साधे हुए हैं। बाढ़ से समस्या तो है ही, लेकिन हम यह प्रयास कर रहे हैं कि प्रभावित लोगों की समस्या कम हो।