विदेशी सरजमीं पर 'रिगटोन' से देश प्रेम की गूंज
विदेश में काम करने वाले जिले के युवाओं के मन में सात समंदर पार भी देश प्रेम का भाव छलक रहा है। भाव भी ऐसा जो सीधे गांव की माटी से जुड़ा है। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले इन युवाओं के मोबाइल की रिग टोन विशुद्ध देशज है।
सिद्धार्थनगर : विदेश में काम करने वाले जिले के युवाओं के मन में सात समंदर पार भी देश प्रेम का भाव छलक रहा है। भाव भी ऐसा जो सीधे गांव की माटी से जुड़ा है। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले इन युवाओं के मोबाइल की रिग टोन विशुद्ध देशज है। काल करते ही आपको पौराणिक नगरी भारतभारी से जुड़ा गीत सुनाई देगा। वे इस पर फक्र करते हैं और गीत गुनगुनाते भी हैं।
दरअसल, इस पौराणिक नगरी को लेकर 2012 में शिक्षक अनिरुद्ध मौर्या ने एक गीत गाया। यह क्षेत्र की पहचान के रूप में प्रसिद्धि पाया तो गांव की माटी के प्रेम से नाता जोड़ने वाला भी साबित हुआ। नवसृजित नगर पंचायत की रहने वाली गुड़िया अमेरिका में रहती हैं। उनके मोबाइल फोन का रिगटोन भारतभारी के माटी का गुणगान करता है। वह कहती हैं कि विदेश में हैं तो क्या, माटी की पहचान भूल जाएंगे। इस रिग टोन से गांव की माटी की महक आती है। अजय अग्रहरि न्यूजीलैंड में इंजीनियर हैं और योग प्रशिक्षक का भी काम करते हैं। उनके मोबाइल फोन पर भी यही रिगटोन है। मकसद है विदेशी सरजमीं पर माटी की खुशबू महसूस करना। क्षेत्र के गांव जुड़वनिया निवासी अंकेश वर्मा चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। उनके मोबाइल में भी माटी की यही धुन बजती है। दुबई में काम कर रहे भटंगवा निवासी राजेश, गणेश यादव के मोबाइल में भी माटी से जुड़ा यही रिगटोन बजता है। इनका कहना है कि यह देश प्रेम का भाव जगाता है तो अपने माटी से प्रेम करना भी सिखाता है।