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छिन सकता है रामगढ़ताल में मछली पकडऩे का अधिकार Gorakhpur News

मत्स्य जीवी सहकारी समिति लिमिटेड महेरवा की बारी ने करीब 22 करोड़ 79 हजार रुपये में मछली पकडऩे का अधिकार हासिल किया था। लेकिन फर्म ने अनुबंध नहीं कराया है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 09:33 PM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 09:33 PM (IST)
छिन सकता है रामगढ़ताल में मछली पकडऩे का अधिकार Gorakhpur News
छिन सकता है रामगढ़ताल में मछली पकडऩे का अधिकार Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। रामगढ़ताल में मछली पकडऩे का अधिकार संबंधित फर्म से छीना जा सकता है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से कई बार नोटिस देने के बाद भी मछली पकडऩे का अधिकार पाने वाली फर्म ने अनुबंध नहीं कराया है। जीडीए की ओर से फर्म को अंतिम नोटिस जारी की जा चुकी है। नोटिस के अनुसार 15 दिनों में अनुबंध नहीं कराया गया तो अधिकार निरस्त कर अब तक जमा धनराशि को जब्त कर लिया जाएगा।

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नहीं कराया गया अनुबंध

मत्स्य जीवी सहकारी समिति लिमिटेड महेरवा की बारी ने करीब 22 करोड़ 79 हजार रुपये में मछली पकडऩे का अधिकार हासिल किया था। आठ करोड़ रुपये जमा कर अनुबंध कराना था लेकिन फर्म के आग्रह पर जीडीए ने इस राशि को कम कर दिया। जीडीए बोर्ड में प्रस्ताव पास कराकर चार करोड़ रुपये जमा कर अनुबंध करने की अनुमति दे दी गई। फर्म की ओर से चार करोड़ जमा तो कर दिया गया लेकिन अनुबंध नहीं कराया गया। जीडीए की ओर से फर्म को ताल से मछली पकडऩे की सशर्त अनुमति दे दी गई थी। उसी के बाद मछली पकडऩे का काम जारी है।

अनुबंध से क्यों भाग रही फर्म

नियमानुसार बिना अनुबंध के मछली नहीं पकड़ी जा सकती, इसीलिए जीडीए अनुबंध कराने पर जोर दे रहा है। 23 फरवरी 2019 को नीलामी की प्रक्रिया हुई थी। कुछ तकनीकी कारणों से मछली पकडऩे का अधिकार हासिल करने में 89 दिन की देरी हुई थी। अधिकार पांच साल के लिए मिला है लेकिन अनुबंध कराने पर जीडीए 89 दिन अतिरिक्त देने को भी तैयार है।

जमा राशि भी होगी जब्‍त

इस संबंध में गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्‍यक्ष अनुज सिंह का कहना है कि मछली पकडऩे का अधिकार पाने वाली फर्म की ओर से अनुबंध नहीं कराया जा रहा है। अंतिम नोटिस जारी की जा रही है। इसके बाद जमा धनराशि भी जब्त कर ली जाएगी।


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