Move to Jagran APP

मारीशस के उच्चायुक्त ने कहा-भाषा मा है, इसके संरक्षण की जिम्मेदारी हमारी

मारीशस के उच्चायुक्त जगदीश गोवर्धन गोरखपुर शहर में आए। उन्होंने भोजपुरी भाषा के उन्नयन के बारे में लोगों को जानकारी दी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Dec 2018 05:24 PM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 05:24 PM (IST)
मारीशस के उच्चायुक्त ने कहा-भाषा मा है, इसके संरक्षण की जिम्मेदारी हमारी
मारीशस के उच्चायुक्त ने कहा-भाषा मा है, इसके संरक्षण की जिम्मेदारी हमारी

गोरखपुर, जेएनएन। मारीशस के उच्चायुक्त जगदीश गोवर्धन ने कहा कि भाषा हमारी मा है, इसके संरक्षण व संवर्धन की जिम्मेदारी हमारी है। भोजपुरिया समाज ने पूरी दुनिया में भोजपुरी को पहुंचाया है। मारीशस भोजपुरियों का देश है, वहा चार पीएम भोजपुरिया हुए हैं। भोजपुरियों ने उस देश को ऐसा बनाया है कि लोग प्रेरणा लेते हैं। वहां स्वास्थ्य और शिक्षा बिल्कुल मुफ्त है। प्रत्येक बच्चे को स्कूल भेजना अनिवार्य है। यदि पिता नहीं भेजता है तो उसे एक साल की कैद का प्रावधान है। किसी को कोई बीमारी हो गई तो उसका मुफ्त इलाज किया जाता है। वरिष्ठ नागरिकों का यातायात पूरी तरह मुफ्त है। जब मारीशस में यह सारी चीजें हो सकती हैं तो भारत में क्यों नहीं।

loksabha election banner

जगदीश गोवर्धन यहा चित्रगुप्त मंदिर में भाई (भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के तत्वावधान में आयोजित अपने सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पूरी बात भोजपुरी में की। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हम लोगों को बहुत सम्मान दिया। उन्होंने हमें सिटीजन ऑफ इंडिया बनाया और कहा आप आइए, हम सब मिलकर नए भारत का निर्माण करेंगे। अध्यक्षीय संबोधन में महापौर सीताराम जायसवाल ने भोजपुरी के संवर्धन के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही। विशिष्ट अतिथि नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास दास अग्रवाल थे। धन्यवाद ज्ञापन भाई के निदेशक राकेश श्रीवास्तव ने किया। संचालन शिवेंद्र ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

भोजपुरी को आठवीं अनुसूची का दर्जा मिले

चित्रगुप्त मंदिर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मारीशस के उच्चायुक्त जगदीश गोवर्धन ने कहा कि भारत में भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए। आज उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के कारण हिंदी भाषा की पहचान है, लेकिन इन सभी के बावजूद केंद्र सरकार उनकी मातृभाषा भोजपुरी को मान्यता देने में न जाने क्यों कतरा रही है। उन्होंने इंडियन ड्यास्पोरा एंड व‌र्ल्ड भोजपुरी सेंटर एंड व‌र्ल्ड भोजपुरी इंस्टीट्यूट की पूर्व माध्यमिक भोजपुरी पुस्तक माला के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। कहा कि भोजपुरी पुस्तक माला को स्कूलों में भी शामिल किया जाए। इस पुस्तक में बच्चों के अभ्यास के लिए भोजपुरी के शब्दों को रोमन और भोजपुरी में लिखा गया है। पुस्तक की 25 हजार प्रतिया उत्तर प्रदेश और बिहार के स्कूलों में दिसंबर माह के अंत तक वितरित की जाएंगी। वाराणसी में बड़ा लालपुर स्थित जीवनदीप शिक्षण समूह कैंपस में भोजपुरी माई का मंदिर बनने पर उन्होंने खुशी जताई। कहा कि दस फीट ऊंचे मंदिर में चार फीट की भोजपुरी माई की प्रतिमा स्थापित की गई है। मारीशस के बाद भारत दुनिया का दूसरा देश है जहा भोजपुरी माई का मंदिर बना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.