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आत्‍महत्‍या का प्रयास करने वाले शोध छात्र दीपक को न्याय दिलाने सड़क पर उतरे साथी

अपने विभागाध्यक्ष और अधिष्ठाता पर जातिगत उत्पीड़न करने का आरोप लगाकर शोध छात्र ने की थी जान देने की कोशिश।

By Edited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 01:42 AM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 10:44 AM (IST)
आत्‍महत्‍या का प्रयास करने वाले शोध छात्र दीपक को न्याय दिलाने सड़क पर उतरे साथी
आत्‍महत्‍या का प्रयास करने वाले शोध छात्र दीपक को न्याय दिलाने सड़क पर उतरे साथी
गोरखपुर, (जेएनएन)। अपने विभागाध्यक्ष और अधिष्ठाता पर जातिगत उत्पीड़न करने का आरोप लगाकर जान देने की कोशिश करने वाले शोधार्थी को न्याय दिलाने को छात्रों व अन्य युवाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर छात्रों के एक समूह धरना-प्रदर्शन कर दीपक के साथ हुई घटना को चिंतनीय बताते हुए दोनों जिम्मेदार शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि दीपक पिछले कई माह से जातिगत उत्पीड़न का शिकार हो रहा था, कुलपति से अपनी पीड़ा भी बताई थी, लेकिन अपेक्षित मदद न मिलने से उसे आत्महत्या की कोशिश करने को मजबूर होना पड़ा। यह दु‌र्व्यवहार है और छात्र समूह इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
प्रदर्शनकारी छात्रों के पास कुलपति प्रो. वीके सिंह और प्रतिकुलपति प्रो. एसके दीक्षित भी पहुंचे और उनकी बातें सुनीं। कुलपति ने प्रदर्शनकारी छात्रों को बताया कि वह स्वयं दीपक से मिल चुके हैं और पूरे घटनाक्रम पर निगाह बनाए हुए हैं। उन्होंने सभी से धैर्य रखने की अपील करते हुए विश्वास दिलाया कि दीपक के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। मामले बाबत जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है, रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही होगी।
धरना प्रदर्शन में छात्रसंघ अध्यक्ष पद की प्रत्याशी अन्नू प्रसाद, भास्कर चौधरी, अमन यादव, पवन कुमार, शिवशंकर गौड़, डॉ. राजेश यादव, धीरेंद्र प्रताप, भाअमर सिंह पासवान, दीपक यादव, गवीश दुबे सहित अनेक युवाओं की सहभागिता रही।
विभागाध्यक्ष को हटाया जाना अनुचित
शिक्षक संघ वहीं सोमवार को विश्वविद्यालय शिक्षक संघ कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें सभी ने एक स्वर में कहा कि बिना किसी जांच के तत्कालिक प्रभाव से दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष को पदच्युत करना अनुचित है। ऐसे में प्रो. द्वारिकानाथ को तत्काल अध्यक्ष पद पर बहाल किया जाए। कार्यकारिणी सदस्यों ने पूरी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए गहरा क्षोभ व्यक्त किया।
बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ कि संगठन की ओर से कुलपति से मांग की जाएगी कि वह जिला प्रशासन को यह अवगत कराएं कि मामले की जांच के लिए उनके स्तर से एक कमेटी गठित कर दी गई है, समिति की रिपोर्ट आने तक जिला प्रशासन द्वारा कोई भी अग्रेतर कार्यवाही न की जाए। हालांकि एक दिन पूर्व शिक्षक संघ अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र सौंप कर उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की जरूरत बताई थी।
कार्यकारिणी ने यह भी तय किया कि जांच समिति से आग्रह किया जाए कि मामले की गंभीरता और तात्कालिकता को देखते हुए अविलंब रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को उपलब्ध कराए। बैठक में संघ उपाध्यक्ष प्रो.शोभा गौड़, प्रो. चंद्रशेखर, प्रो. चित्तरंजन मिश्र प्रो. राजवंत राव प्रो. ओपी पाडेय, प्रो.रविशकर सिंह, प्रो. आलोक गोयल प्रो. धनंजय कुमार, प्रो. संजय बैजल आदि की मौजूदगी रही।
दीपक ने कहा, मेरी स्थिति के लिए शोध निर्देशक जिम्मेदार नहीं
आत्महत्या के प्रयास के बाद हो रही राजनीति पर दीपक ने गहरा दुख जाहिर किया है। कुलपति को पत्र लिखकर दीपक ने स्पष्ट कहा है कि उसकी जो भी स्थिति है,उसमें उसके शोध निर्देशक की कोई भूमिका नहीं है। खुद को एक जिम्मेदार शोधछात्र एवं स्वस्थ होकर पढ़ने की इच्छा जाहिर करते हुए दीपक ने उम्मीद जताई है कि उसके उत्पीड़न के खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी। दीपक ने प्रकरण को लेकर राजनीति कर रहे विद्यार्थी एवं राजनीतिक संगठनों की कार्यप्रणाली से खुद को अलग कर लिया है। दीपक का कहना है कि अगर कोई उसका नाम लेकर तोड़फोड़ कर रहा है तो उससे मेरा कोई वास्ता नहीं है।
कार्रवाई की मांग को लेकर कुलपति से मिले छात्रावासी
रविवार की देर रात विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का न्योता देने गए कुछ बाहरी तत्वों और छात्रावासियों के बीच हुए विवाद के बाद सोमवार को छात्रावासियों ने कुलपति से भेंट कर पूरी घटना की जानकारी दी। छात्रावासियों ने कुलपति से छात्रावासों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग करते हुए विवाद करने वाले अराजक तत्वों पर कार्रवाई की मांग रखी। कुलपति ने आश्वासन दिया है कि मुख्य नियंता से इस बाबत चर्चा कर छात्रों की चिंता का समाधान किया जाएगा।
फिर अस्पताल लौटा दीपक, बीआरडी के मनोचिकित्सा वार्ड चल रहा इलाज
दो दिन पहले इलाज कराकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज हुए दीपक कुमार का सोमवार को फिर से मेडिकल कॉलेज में भर्ती करना पड़ा। इस बार उसे मनोचिकित्सा वार्ड में भर्ती कराया गया है। दीपक का इलाज कर रहे मनोचिकित्सक डॉ. तपस कुमार आइच ने बताया कि जब उसे पिछले दिनों मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज किया गया था तभी डॉक्टरों ने उसे आगे मनोचिकित्सक से परामर्श लेने की सलाह दी थी। बीते 20 सितंबर को दीपक कुमार ने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था। मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज किया गया था। ठीक होने के बाद जब डॉक्टर अगले दिन उसकी डिस्चार्ज स्लिप तैयार कर डिस्चार्ज कर ही रहे थे, तभी उसने चक्कर आने व पेट दर्द की शिकायत की थी, ऐसे में 24 घंटे तक और निगरानी में रखा कर तब डिस्चार्ज किया गया था। सोमवार को उसने फिर चक्कर आने और मानसिक उलझन की शिकायत की। परिजन उसे लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे और भर्ती करा दिया।

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