'लोक में राम' का हिस्सा बनेंगे गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्र Gorakhpur News
गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्र अयोध्या में होने वाले लोक में राम कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। यह वे छात्र होंगे जो भगवान राम पर आधारित विषयों पर शोध कर रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्र अयोध्या में होने वाले 'लोक में राम' कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। यह वे छात्र होंगे जो भगवान राम पर आधारित विषयों पर शोध कर रहे हैं। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम का आयोजन 4 से 6 मार्च तक प्रस्तावित है।
मालिनी अवस्थी ने कुलपति को पत्र भेजकर पांच छात्रों को किया आमंत्रित
संस्कार भारती की पहल पर डा.राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में अयोध्या शोध संस्थान व अयोध्या प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम की संयोजिका मालिनी अवस्थी ने कुलपति को पत्र भेजकर विश्वविद्यालय के पांच छात्रों को आमंत्रित किया है। इसमें खासतौर से उन शोथार्थियों को वरीयता दी गई है जो इतिहास, भाषा व सामाजिक विज्ञान या पुरातत्व से जुड़ें हों।
छात्रों की तलाश में जुटा विवि प्रशासन
विश्वविद्यालय प्रशासन संगोष्ठी में पात्र शोध छात्रों की तलाश में जुट गया है। अधिष्ठाता कला संकाय प्रो.डीएन यादव के निर्देश पर अंग्रेजी विभाग के शोध छात्र अश्विनी कुमार का चयन कर लिया गया है। अश्विनी विभाग के प्रो. अजय कुमार शुक्ला के निर्देशन में 'कबीर के राम' विषय पर शोध कर रहे हैं। चार अन्य छात्रों का चयन अभी होना शेष है।
राम की परिकल्पना को युवाओं तक पहुंचाना उद्देश्य
देश के युवाओं तक राम की परिकल्पना को पहुंचाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। हमारी लोक कलाओं में राम को स्थापित किया गया है। उनके सभी संस्कारों व प्रतिरूपों को अभी तक जिंदा रखा गया है। इस कार्यक्रम के जरिए इसकी जानकारी भी आमजन तक पहुंचाई जाएगी। इस आयोजन में गोरखपुर सहित 20 विश्वद्यालयों के शोध छात्रों को आमंत्रित किया गया है। जो किसी न किसी रूप में राम से जुड़े साहित्य पर शोध कर रहे हैं। इनके अलावा राम से जुड़े साहित्य पर काफी काम करने वाले पद्मश्री नरेंद्र कोहली, गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा व कवि कुमार विश्वास बतौर मुख्य वक्ता इस आयोजन का हिस्सा बनेंगे। जो राम के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालेंगे।
अधिष्ठाता कला संकाय को इस संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं। ताकि जल्द से जल्द विभिन्न विभागों से पात्र पांच छात्रों का चयन कर सूची अयोध्या विश्वविद्यालय को भेज दें। जिससे छात्र कार्यक्रम में शामिल हो सकें। - प्रो.विजय कृष्ण सिंह, कुलपति, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय