Gorakhpur Flood News: रोहिन व राप्ती नदी उतार पर, 48 से 72 घंटे में राहत मिलने की उम्मीद
Flood in Gorakhpur गोरखपुर में राप्ती व रोहिन नदी का आखिरी हिस्सा होने के कारण यहां अभी भी पानी का दबाव बना हुआ है। प्रशासन एवं सिंचाई विभाग तटबंधों पर नजर बनाए हुए है। कुछ स्थानों पर रिसाव के मामले सामने आए तत्परता दिखाकर उसे ठीक कर लिया गया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Flood in Gorakhpur: गोरखपुर जिले में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है लेकिन राप्ती एवं रोहिन नदियों के जलस्तर में लगातार कमी होने के कारण स्थिति नियंत्रण में है। गोरखपुर में दोनों नदियों का आखिरी हिस्सा होने के कारण यहां अभी भी पानी का दबाव बना हुआ है। प्रशासन एवं सिंचाई विभाग तटबंधों पर नजर बनाए हुए है। कुछ स्थानों पर रिसाव के मामले सामने आए, तत्परता दिखाकर उसे ठीक कर लिया गया है। उम्मीद जतायी जा रही है कि 48 से 72 घंटों के बाद बाढ़ की भयावह स्थिति से राहत मिलेगी। उधर राप्ती से निकलने वाली गोर्रा नदी उ'चतम जलस्तर को पार कर गई है और नदी में उफान जारी है। जिले में अब तक ढाई लाख लोग प्रभावित हैं।
अभी इतना है जलस्तर
राप्ती नदी का जलस्तर रविवार की शाम को 77.08 मीटर रिकार्ड किया गया। नदी के जलस्तर में कमी जारी है। रोहिन नदी का जलस्तर 83.40 मीटर दर्ज किया गया। यह नदी खतरे के निशान से एक मीटर से भी नीचे रह गई है। गोर्रा नदी का जलस्तर शाम चार बजे 72.15 मीटर रिकार्ड किया गया। यही नदी का उच्चतम जलस्तर है। गोर्रा नदी 1998 में यहां तक पहुंची थी। नदी पर बने एक बांध के कट जाने के बावजूद उसके पानी में कमी नहीं हो रही है। गोर्रा के चलते झंगहा एवं आसपास के क्षेत्रों के लोगों की चिंता बढ़ गई है। इस नदी में बढ़त लगातार जारी है। कुछ स्थानों पर बांध में रिसाव भी देखने को मिला। गोर्रा नदी के बांध में महुवरकोल गांव के पास तथा राप्ती नदी के बांध में खैरखूंटा में रविवार की आधी रात के बाद तेज रिसाव शुरू हो गया। ग्रामीणों ने बांधो की रात भर रखवाली की। उन्होंने पहले से ही मिट्टी भरी बोरी रखी है। रिसाव होने पर तुरंत मिट्टी भरी बोरियों के सहारे काबू पा लिया गया।
तीसरे दिन भी बंद रहे दो प्रमुख मार्ग
बाढ़ का पानी चढ़ जाने के कारण गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग बेलीपार से कौड़ीराम के बीच लगातार तीसरे दिन भी बंद रहा। उधर बांसगांव-खजनी मार्ग पर भी आवागमन बंद है। बड़हलगंज से बरहज के बीच रामजानकी महामार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन बंद रखा गया है।
एनडीआरएफ ने 72 लोगों को किया रेस्क्यू
राष्ट्रीय आपदा मोचक बल की चार टीमें जिले में लगी हैं। इनमें से एक टीम ने चौरीचौरा तहसील के ग्राम सदना में डेरा डाला है। रविवार को जिला प्रशासन की सूचना पर एनडीआरएफ के 11वीं वाहिनी के कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के निर्देश पर निरीक्षक सभाजीत यादव के नेतृत्व में टीम बाढ़ प्रभावित गांव पहुंची। टीम ने बिना देरी किए रेस्क्यू आपरेशन प्रारंभ किया और 72 लोगों को सकुशल सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया। इस दौरान 40 पुरुष, 30 महिला तथा 12 ब'चे रेस्क्यू किए गए।
राप्ती एवं रोहिन नदियों के जलस्तर में कमी हो रही है। गोर्रा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। बाढ़ पीडि़तों तक राहत सामग्री पहुंचायी जा रही है। किसी को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने पाएगी। लोगों से अपील है कि वे किसी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें। - विजय किरन आनंद, जिलाधिकारी।