छह महीने में योग से कम किया 50 किलो वजन
कैचवर्ड- नजीर योग के साथ दिनचर्या में बदलाव व प्राकृतिक चिकित्सा से किया कमाल -बलिया के प्रकाश च
कैचवर्ड- नजीर
योग के साथ दिनचर्या में बदलाव व प्राकृतिक चिकित्सा से किया कमाल
-बलिया के प्रकाश चंद्र व बलरामपुर के शुभम मोदनवाल बने नजीर गजाधर द्विवेदी, गोरखपुर : योग, दिनचर्या व खानपान में बदलाव तथा प्राकृतिक चिकित्सा ने वह काम कर दिखाया जो तमाम तरह की आधुनिक दवाएं नहीं कर पाती, और लोग सर्जरी तक कराने के लिए मजबूर होते हैं। दो युवकों ने छह माह में लगभग 50 किलो से अधिक वजन कम कर लिया। इस सफलता पर वे न सिर्फ खुश हैं बल्कि योग को जन-जन तक पहुंचाने का काम भी मुस्तैदी से कर रहे हैं। गत जनवरी से वे दोनों युवक आरोग्य मंदिर के निदेशक डा. विमल मोदी के निर्देशन में योगासन आदि कर रहे हैं।
उतरौला, बलरामपुर के शुभम मोदनवाल (23) का छह माह पहले वजन 140 किलो था। उनकी उतरौला में मिठाई की दुकान है। मोटापा कम करने के लिए उन्होंने अनेक जगहों पर इलाज भी कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वह लखनऊ में फैट का आपरेशन कराने जाने वाले थे, इसी बीच एक रिश्तेदार ने उन्हें गोरखपुर के आरोग्य मंदिर के बारे में बताया। गत जनवरी में आरोग्य मंदिर आए और तभी से यहां रह रहे हैं। इन छह महीनों में उनका वजन 140 से घटकर मात्र 87 किलो रह गया है।
इसकी तरह काम्मर, बलिया निवासी प्रकाश चंद्र (25) पढ़ाई पूरी कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। पढ़ाई पूरी करते-करते उनका वजन 143 किलो हो गया। इस उम्र में इतने ज्यादा वजन ने उन्हें चिंता में डाल दिया। कई चिकित्सकों से सलाह ली और इलाज भी कराया लेकिन वजन कम नहीं हुआ। उनके एक भाई आरोग्य मंदिर में कुछ दिन रह चुके थे, उनकी सलाह पर प्रकाश चंद्र ने यहां आने की ठानी और गत जनवरी से वह आरोग्य मंदिर में रह रहे हैं। इन छह महीनों में उन्होंने 143 किलो से अपना वजन 94 किलो कर लिया है।
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पहले कैसी थी दिनचर्या
-जो मिला खा लिया
-पिज्जा, बर्गर, चाऊमीन, डोसा आदि का सेवन ज्यादा
-तली-भुनी मसालेदार चीजें ज्यादा पसंद
-मिठाई, नमकीन, ब्रेड, दूध-दही, मलाई आदि से कोई परहेज नहीं
-योगासन, व्यायाम व वाकिंग से दूर
-भरपेट भोजन
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अब कैसी है उनकी दिनचर्या
-सुबह पांच बजे सोकर उठने के बाद नींबू-पानी
-सुबह-शाम एक घंटे की वाकिंग
-एक कप हर्बल टी
-सुबह छह बजे एक गिलास एलोवेरा या गेहूं ज्वारे का जूस
-सुबह-शाम एक घंटे योगासन
-सुबह नौ बजे ढाई सौ ग्राम फल
-दोपहर 12 बजे एक या दो रोटी तथा उबली हुई दो कटोरी सब्जी
-दिन में दो बार प्राकृतिक चिकित्सा लेते हैं जिसमें भाप स्नान, गीली पट्टी, मालिश, पैरों का गर्म स्नान, शरीर पर मिट्टी का लेप, उष्ण स्नान, एनिमा आदि। युवकों ने मेरे दिशा-निर्देश का पालन किया। इन छह महीनों में मैंने इन्हें चोकरयुक्त आटे की रोटी, उबली सब्जी, फल व सलाद पर रखा। रोज डेढ़-डेढ़ घंटे टहलना और सुबह-शाम एक-एक घंटे योग करना इनकी दिनचर्या में शामिल किया। वजन कम होने से शरीर में जो कचरा इकट्ठा होता है उसे निकालने के लिए कुछ प्राकृतिक चिकित्सा जैसे गीली पट्टी, भाप स्नान आदि दिया गया। ये अभी 15-15 किलो अपना वजन और कम करना चाहते हैं, इसलिए दो माह और आरोग्य मंदिर में रहेंगे। यहां से जाने के बाद इन्हें प्रतिदिन जलाने व लेने वाली कैलोरी में संतुलन बनाना पड़ेगा, अन्यथा कैलोरी कम जलाएंगे और लेंगे ज्यादा तो पुन: वजन बढ़ सकता है।
-डा. विमल मोदी, निदेशक, आरोग्य मंदिर