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यहां पढ़ें- रेल यात्रा से जुड़ी खबरें : कौन सी ट्रेनें हुईं निरस्‍त, किन ट्रेनों में लगे अतिरिक्‍त कोच Gorakhpur News

गोरखपुर से चलने वाली पूर्वोत्‍तर रेलवे की कई ट्रेनों में अतिरिक्‍त कोच लगाए गए हैं। कुछ ट्रेनों को निरस्‍त भी किया गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 12:36 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 09:31 AM (IST)
यहां पढ़ें- रेल यात्रा से जुड़ी खबरें : कौन सी ट्रेनें हुईं निरस्‍त, किन ट्रेनों में लगे अतिरिक्‍त कोच Gorakhpur News
यहां पढ़ें- रेल यात्रा से जुड़ी खबरें : कौन सी ट्रेनें हुईं निरस्‍त, किन ट्रेनों में लगे अतिरिक्‍त कोच Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। प्रतीक्षा सूची के यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने दो जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों में विभिन्न तिथियों और स्टेशनों से अतिरिक्त कोच लगाने का निर्णय लिया है।
इन ट्रेनों में लगेंगे अतिरिक्‍त कोच
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार 15018 दादर एक्सप्रेस में 17 और 18 जुलाई को गोरखपुर से तथा 15017 एलटीटी-गोरखपुर एक्सप्रेस 19 और 20 को लोकमान्य तिलक टर्मिनस से स्लीपर के एक-एक कोच लगाए जाएंगे। 15065 गोरखपुर-पनवेल एक्सप्रेस में 18 जुलाई को गोरखपुर से तथा 15066 पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस में 19 को पनवेल से शयनयान श्रेणी के एक-एक अतिरिक्त कोच लगाए जाएंगे।

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17, 18, 19 और 21 को निरस्त रहेगी सीतापुर पैसेंजर

पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के तहत बुढ़वल-सीतापुर रेल खंड पर इंजीनियरिंग का कार्य चल रहा है। इसके चलते कुछ पैसेंजर ट्रेनों का संचलन प्रभावित रहेगा। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार 17, 18, 19 और 21 जुलाई को 54324-54323 बुढ़वल-सीतापुर-बुढ़वल तथा 55038 सीतापुर-बुढ़वल पैसेंजर ट्रेन निरस्त रहेगी। इसके अलावा 55033 गोंडा-सीतापुर पैसेंजर ट्रेन 17, 18, 19 और 21 जुलाई को बुढ़वल में टर्मिनेट हो जाएगी। यह ट्रेन बुढ़वल से सीतापुर के बीच निरस्त रहेगी।

रेलवे के बिजली तारों का पहरेदार बना कर्षण प्रहरी एप

अब रेल लाइनों पर बिजली के तार में किसी तरह की खामियों के चलते ट्रेनों का संचलन प्रभावित नहीं होगा। इलेक्ट्रिक इंजनों से चलने वाली गाडिय़ां निर्बाध गति से चलती रहेंगी। बिजली के तारों (ट्रैक्शन) की निगरानी के लिए रेलवे ने कर्षण प्रहरी नाम का मोबाइल एप लांच किया है। यह एप ट्रैक्शन की निगरानी करने वाले सभी ट्रैक मेंटनरों के मोबाइल में अनिवार्य रूप से लोड रहेगा। जिससे रेल लाइन पर केसी भी तकनीकी खामी को तत्काल दुरुस्त करा लिया जाएगा। इसके लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित रहेगा।

हाईटेक होंगे रेलकर्मी

रेल लाइनों पर ट्रैक्शन की निगरानी के लिए पेट्रोलिंग करने वाले रेलकर्मियों के हाथ में मोबाइल होगा। इस दौरान कहीं भी तार ढीला होने, चिंगारी निकलने, बिजली प्रभावित होने या नीचे गिरने पर रेलकर्मी एप के जरिये सीधे कंट्रोल तक सूचना पहुंचा देगा। एप आनलाइन होने के चलते रेल लाइन पर ट्रैक्शन की खामी की जानकारी संबंधित इंजीनियरों को हो जाएगी। समय रहते संबंधित इंजीनियर मौके पर पहुंचकर खामियों को दूर कर देंगे। यही नहीं मोबाइल एप ट्रैक्शन की छोटी तकनीकी खराबी को भी पकड़ लेगा और उसे कंट्रोल तक पहुंचा देगा। एप पर पेट्रोलिंग रूट का विद्युतीकरण पूरी तरह अपडेट रहेगा। कहीं खामी होने पर वह कंट्रोल को सीधे सूचित भी करता रहेगा। इस पूरी प्रक्रिया में संबंधित रेलकर्मी को किसी अधिकारी से संपर्क करने या औपचारिकताओं को पूरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

तेजी से हो रहा विद्युतीकरण

दरअसल, भारतीय रेलवे में तेजी के साथ विद्युतीकरण हो रहा है। आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक इंजनों से ही गाडिय़ां चलाई जाएंगी। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य मार्ग गोरखपुर के रास्ते बाराबंकी से छपरा और बलिया-वाराणसी रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन से ही ट्रेनें चल रही हैं। गोरखपुर-नरकटियागंज रूट का विद्युतीकरण हो चुका है। अन्य रेलमार्गों पर भी विद्युतीकरण जारी है। पेट्रोलिंग के दौरान ट्रैकमेंटेनर मनमानी नहीं कर पाएंगे। एप चालू होते ही रेलकर्मियों का लोकेशन भी आनलाइन हो जाएगा। रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन आरडीएसओ ने कर्षण प्रहरी नाम के एप को डेवलप किया है। यह एप ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) पर आधारित होगा।

रेल फ्रैक्चर बताएगा ट्रैकर

अति आधुनिक उपकरण ट्रैकर रेल फ्रैक्चर की निगरानी करने में जुट गया है। रेल लाइनों की निगरानी करने वाले कीमैनों (ट्रैकमेंटेनरों) को ट्रैकर उपकरण दिया गया है। कीमैन ट्रैकर के जरिये रेल फ्रैक्चर या कोई तकनीकी खामी होने की जानकारी सीधे कंट्रोल रूम तक पहुंचा देते हैं। जिससे समय रहते रेल लाइन को दुरुस्त कर लिया जाता है। ट्रैकर भी जीपीएस पर आधारित है। जिसके आन होते ही कीमैन भी आनलाइन हो जाते हैं।

कर्षण प्रहरी से इलेक्ट्रिफिकेशन से जुड़े फॉल्ट को ट्रैक करने और उसको जल्द रिपेयर करने में मदद मिलेगी। इस एप के जरिए लोकेशन सर्च करने में भी कोई परेशानी नहीं आएगी। - पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे


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