MMMUT Gorakhpur के छात्रों को सुरक्षित डिजिटल लेनदेन सिखाएगा आरबीआइ
रिजर्व बैंक सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग और उससे संबंधित पहलुओं पर जागरूकता पैदा करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के बीच जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। युवाओं को जागरूक करने के लिए बैंक ने प्रदेश के कुछ शिक्षण संस्थानों को चुना है। एमएमएमयूटी उनमें से एक है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। MMMUT Gorakhpur डिजिटल लेनदेन को लेकर असुरक्षा की भावना पर विराम लगाने और सुरक्षित डिजिटल लेनदेन सिखाने के लिए बहुत जल्द मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एक कार्यशाला आयोजित होने जा रही है। इसका आयोजन कोई और नहीं बल्कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया करने जा रहा है। इसके लिए बैंक की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रस्ताव मिला है। विश्वविद्यालय ने अपनी सहमति भी दे दी है। दोनों संस्थान जल्द ही एक-दूसरे की सहमति से कार्यशाला की तारीख तय करेंगे।
रिजर्व बैंक के डीजीएम ने भेजा पत्र
दरअसल, रिजर्व बैंक सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग और उससे संबंधित पहलुओं पर जागरूकता पैदा करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के बीच जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। युवाओं को जागरूक करने के लिए बैंक ने प्रदेश के कुछ शिक्षण संस्थानों को चुना है। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उनमें से एक है। जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन को लेकर रिजर्व बैंक के डीजीएम की ओर से भेजे गए पत्र में कार्यशाला के विषय को भी स्पष्ट किया गया है। पत्र के मुताबिक उस दौरान मालवीयंस को इलेक्ट्रानिक बैंकिंग उत्पादों और उनके लाभ की जानकारी दी जाएगी तो उनके माध्यम जालसाजों द्वारा की जा रही तरह-तरह की धोखाधड़ी से बचने का उपाय भी बताया जाएगा। यही नहीं बैंक से जुड़े मामलों के शिकायत निवारण का तरीका भी बैंंक के विशेषज्ञ बताएंगे। बैंक ने कार्यशाला में प्रतिभागियों की न्यूनतम भागीदारी भी सुनिश्चित की है। उनके मुताबिक हर हाल में कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागी मौजूद रहे।
डिजिटल लेनदेन में युवाओं पर है फोकस
कार्यशाला के आयोजन को लेकर रिजर्व बैंक से बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ा रहे प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट विभाग के सहायक आचार्य डा. अभिजीत मिश्र ने बताया कि चूंकि डिजिटल लेनदेन युवा ही ज्यादा करते हैं, इसलिए पहले उन्हें जागरूक करने पर बैंक का विशेष फोकस है। दूसरा पहलू यह भी है कि युवा अगर जागरूक होंगे तो उनके माध्यम से समाज के हर व्यक्ति को इसे लेकर जागरूक करना आसान हो जाएगा।
आए दिन डिजिटल लेनदेन में जालसाजी के मामले सामने आ रहे हैं। तकनीकी रूप से सक्षम व्यक्ति भी साइबर जालसाजों के झांसे में आ रहे हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक के डिजिटल लेनेदेन के जागरूकता कार्यक्रम का प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्वागत करता है। कार्यशाला आयोजन में बैंक की हरसंभव मदद की जा रही है। - प्रो. जेपी पांडेय, कुलपति, एमएमएमयूटी।