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गोरखपुर में स्टील सेक्टर की छोटी इकाइयों के सामने कच्चे माल का संकट Gorakhpur News

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में नट-बोल्ट कांटी बाइंडिंग वायर (छड़ आदि बांधने के लिए प्रयोग किया जाने वाला तार) बनाने वाली करीब आधा दर्जन फैक्ट्रियां हैं। इसके अलावा कई व्यापारी तैयार माल मंगाकर भी यहां बेचते हैं।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 07:30 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 06:36 PM (IST)
गोरखपुर में स्टील सेक्टर की छोटी इकाइयों के सामने कच्चे माल का संकट Gorakhpur News
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण की प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेेेेेेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते उद्योग जगत पर भी प्रभाव नजर आने लगा है। स्टील सेक्टर से जुड़ी छोटी-छोटी इकाइयों के सामने कच्चे माल का संकट खड़ा हो गया है। इसके लिए छत्तीसगढ़ के भिलाई एवं रायपुर से कच्चा माल मंगाया जाता था लेकिन प्रतिबंध होने के कारण वहां की फैक्ट्रियां कच्चा माल भेजने में असमर्थता जता रही हैं। नट-बोल्ट, बाइंडिंग वायर व कांटी बनाने वाली इकाइयों पर ज्यादा असर है। अब आनन-फानन में गोरखपुर के फैक्ट्री संचालक पश्चिम बंगाल से माल मंगाने की तैयारी में जुटे हैं।

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नट-बोल्ट, बाइंडिंग वायर, कांटी से जुड़ी इकाइयों में सर्वाधिक समस्या

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में नट-बोल्ट, कांटी, बाइंडिंग वायर (छड़ आदि बांधने के लिए प्रयोग किया जाने वाला तार) बनाने वाली करीब आधा दर्जन फैक्ट्रियां हैं। इसके अलावा कई व्यापारी तैयार माल मंगाकर भी यहां बेचते हैं। गुणवत्ता और उपलब्धता की ²ष्टि से बेहतर होने के कारण यहां के उद्यमी भिलाई एवं रायपुर से कच्चा माल मंगाते रहे हैं। पर, दो दिन पहले से वहां प्रतिबंध लग जाने से माल नहीं आ पा रहा है। वहां के फैक्ट्री संचालकों ने माल भेज पाने में असमर्थता जतायी है। ज्यादातर छोटी इकाइयां वायर राड मंगाती हैं।

कम मात्रा में मंगाया जा रहा माल

छत्तीसगढ़ से कच्चा माल न मिलने पर कुछ उद्यमी पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से माल मंगाने की तैयारी में हैं। लेकिन, सामान्य दिनों की तुलना में कम मंगाया जा रहा है। उद्यमियों का कहना है कि बाजार में भी धीरे-धीरे मांग घटी है। पंचायत चुनाव के बाद मांग को लेकर स्थिति और स्पष्ट हो सकेगी।

बड़े उद्योगों पर फिलहाल असर नहीं

गोरखपुर में स्टील सेक्टर से जुड़ी बड़ी औद्योगिक इकाइयों पर फिलहाल असर नहीं दिख रहा है। बड़े पैमाने पर माल मंगाने वाली इन फैक्ट्रियों के प्रतिनिधियों की मानें तो अभी दो दिन पहले प्रतिबंध लगा है, इसलिए असर नहीं नजर आ रहा। भविष्य में कुछ भी हो सकता है। गैलेंट समूह के चेयरमैन चंद्र प्रकाश अग्रवाल का कहना है कि कोरोना का प्रसार तेजी से हो रहा है। छत्तीसगढ़ स्टील ²ष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। अभी हमारे यहां कच्चे माल की उपलब्धता पर तो कोई असर नहीं है, लेकिन छोटी इकाइयों को दिक्कत हो सकती है। भविष्य में क्या होगा, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

बड़ी इकाइयों को भी हो सकती है दिक्‍कत

जालान कान कास्ट लिमिटेड के निदेशक तनुज जालान का कहना है कि कुछ दिन पहले प्रतिबंध लगा है, इसलिए अभी असर नहीं दिखा। बड़ी इकाई होने के कारण अधिक मात्रा में माल मंगाया जाता है। जिस तरह से स्थिति है, उसको देखते हुए भविष्य में दिक्कत हो भी सकती है। हालांकि छोटी इकाइयों पर जरूर कुछ फर्क पड़ा है। गीडा में एसके फास्टनर्स आरएन सिंह का कहना है कि रायपुर एवं भिलाई से कच्चा माल मंगाया जाता है। हमारे यहां कांटी, नट-बोल्ट एवं अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं। वहां से माल भेजने वाली फैक्ट्रियों ने माल की अनुपलब्धता बतायी है। हम दुर्गापुर से माल मंगाने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ लोग सीधे भी बाइंडिंग वायर मंगाकर व्यापार करते हैं, उनपर भी असर पड़़ा है।


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