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संसद में सबसे ज्यादा प्रश्न पूछने वाले सांसद बने रवि किशन Gorakhpur News

रवि किशन ने कहा है कि संसदीय क्षेत्र के विकास और यहां की समस्याओं के निस्तारण के लिए मैं सदैव तत्पर रहता हूं और रहूंगा। जनता की सेवा ही मेरी प्राथमिकता है। गोरखपुर में विकास के नए आयाम स्थापित हों।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 05:07 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 10:08 AM (IST)
संसद में सबसे ज्यादा प्रश्न पूछने वाले सांसद बने रवि किशन Gorakhpur News
गोरखपुर के भाजपा सांसद रवि किशन का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। संसद में सबसे ज्यादा प्रश्न पूछने व विभिन्न मानकों पर हुई सांसदों की रैकिंग में सदर सांसद रवि किशन को देश में 24वां व प्रदेश में पहला स्थान मिला है। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व गोरखपुर की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया है।

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ड्रग्‍स का उठाने का हुआ बड़ा नुकसान

रवि किशन ने कहा है कि संसदीय क्षेत्र के  विकास और यहां  की समस्याओं के निस्तारण के लिए मैं सदैव तत्पर रहता हूं और रहूंगा। जनता की सेवा ही मेरी प्राथमिकता है। गोरखपुर में विकास के नए आयाम स्थापित हों, इसके लिए मैंने सदैव यहां की समस्याओं को संसद में उठाया है। उन्होंने कहा कि संसद में ड्रग्स का मामला उठाने का बड़ा नुकसान सहना पड़ा। दो बड़ी वेब सीरीज फिल्में हाथ से निकल गईं। छह फिल्में छिन गईं। बावजूद इसके कोई चिंता नहीं है। गोरखपुर का ठीक से विकास हो। यही इच्‍छा है। उन्‍होंने कहा कि संसद में विकास से संबंधित सवाल जरूर करना चाहिए। इससे बहुत फायदा होता है। पहली बार इसका अच्‍छा अनुभव हुआ है। इसलिए हम अपने क्षेत्र के विकास के लिए लगतार संसद में सवाल करते रहेंगे। उन्‍होंने कहा कि संसद बनने के बाद यह अनुभव अनूठा रहा। उन्‍होंने कहा कि वैसे गोरखपुर के विकास के लिए मुख्‍यमंत्री ही हमेशा लगे रहते हैं। उन्‍हीं की कृपा से गोरखपुर में तमाम विकास योजनाएं चल रहीं हैं। आज गोरखपुर का नाम पूरी दुनिया में हैं।

देश की समस्‍याओं को भी संसद के समक्ष रखा

गोरखपुर मत्स्य विश्वविद्यालय की मांग हो या दूरदर्शन के उत्थान व रेल-सड़क मार्ग के विकास का मामला। सभी मुद्दों व मांगों को प्रमुखता से सदन के समक्ष रखा हूं। केवल अपने संसदीय क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे देश की समस्याओं की तरफ भी सदन का ध्यान आकर्षित किया हूं। नशे की लत में बर्बाद हो रहे युवकों व नारी समस्याओं के साथ ही भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का मामला भी मैंने संसद में उठाया है।


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