Gorakhpur Terrorism: आइईडी से विस्फोट करने की तकनीक सीख रहा था राशिद
Gorakhpur Terrorism सिद्धार्थनगर जिले का रहने वाला मोहम्मद राशिद 2016 में पीएफआइ से जुड़ा था। मुंबई के सईद यूसूफ सद्दाम व कांदीवली के इकबाल ने उसे संगठन से जोड़ा था। कुछ दिनों तक वह पीएफआइ के जलसे में भी गया।
गोरखपुर, जेएनएन। पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) के ट्रेनिंग कमांडर मोहम्मद राशिद के मंसूबे बेहद खतरनाक थे। उसके पास से मिले दस्तावेज की जांच करने पर एक बुकलेट मिला जिसमें वह आइइडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) के जरिए विस्फोट करने का तरीका सीख रहा था।इसी बुकलेट में बाबरी मस्जिद और अन्य दंगों से जुड़ी तस्वीर भी है।जिसे पीएफआइ के सदस्यों को दिखाकर वह देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाता था।
दंगे की तस्वीर दिखाकर सदस्यों को भड़काता था ट्रेनिंग कमांडर
सिद्धार्थनगर जिले का रहने वाला मोहम्मद राशिद 2016 में पीएफआइ से जुड़ा था। मुंबई के सईद यूसूफ सद्दाम व कांदीवली के इकबाल ने उसे संगठन से जोड़ा था। कुछ दिनों तक वह पीएफआइ के जलसे में गया।संगठन के लिहाज से उसका काम ठीक हाेने पर स्टेट काउंसलर फिर ट्रेनिंग कमांडर बना दिया गया।एसटीएफ व खुफिया एजेंसियों को राशिद का पासपोर्ट मिला है जो 2006 में बना है। वह कभी देश से बाहर गया है या नहीं इसकी जांच चल रही है।सोमवार को एसटीएफ के साथ ही खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने राशिद उसके घरवालों व रिश्तेदारों के बैंक खाता की डिटेल जुटाई।जिसमें पता चला कि शोहरतगढ़ के एक बैंक में उसका खाता है।पुणे के बैंक में खुला पीएफआइ के नाम से खुला एक खाता नंबर भी मिला है जिसका संचालन राशिद करता था।
फेसबुक अकाउंट की जांच में मिली कई जानकारी
पीएफआइ के ट्रेनिंग कमांडर माेहम्मद राशिद के फेसबुक अकाउंट की भी जांच चल रही है।सोमवार को एसटीएफ के साथ ही खुफिया एजेंसियों ने फेसबुक पर पीएफआइ के समर्थन में किए गए पोस्ट को पढ़ा।राशिद के अधिकांश पोस्ट दो समुदाय के बीच वैमनस्यता फैलाने वाले हैं।
जांची जा रही राशिद से जुड़े लोगों की भूमिका
एसटीएफ को मोहम्मद राशिद के संपर्क में रहने वाले 100 लोगों के मोबाइल नंबर मिले हैं जो गोरखपुर, सिद्वार्थनगर, बहराइच, कुशीनगर, महराजगंज और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।पीएफआइ से इन लोगों के क्या संबंध है इसकी पड़ताल चल रही है। पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद भी एसटीएफ इनसे पूछताछ करेगी।