राप्ती का जलस्तर खतरनाक स्थिति में, 7.5 मिमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रही नदी Gorakhpur News
शनिवार की सुबह राप्ती नदी का जलस्तर 76.04 मीटर तक पहुंच गया है। जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है। 1998 की प्रलयंकारी बाढ़ में नदी का जलस्तर 77.54 मीटर था।
गोरखपुर, जेएनएन। राप्ती नदी जिले में तबाही मचाने की ओर तेजी से बढ़ रही है। जलस्तर खतरे के बिंदु से एक मीटर छह सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। 1998 की प्रलयंकारी बाढ़ में नदी का जलस्तर 77.54 मीटर था। फिलहाल यह नदी 7.5 मिलीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है।
अयोध्या पुल पर सरयू नदी के जलस्तर में उतार से राहत
गोरखपुर में बर्डघाट में राप्ती नदी का जलस्तर नापा जाता है। यहां खतरे का निशान 74.98 मीटर पर है। यह नदी शुक्रवार की शाम चार बने 75.92 मीटर पर बह रही थी। शनिवार की सुबह जलस्तर 76.04 मीटर तक पहुंच गया है। जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है। हालांकि राप्ती नदी के खतरे के बीच अयोध्या पुल पर सरयू नदी के जलस्तर में आई गिरावट कुछ राहत देने वाली है। वहां खतरे का निशान 92.73 मीटर है और सरयू शनिवार की सुबह 92.70 मीटर यानी खतरे के बिंदु से नीचे बह रही थी। नदी पिछले 16 घण्टों में 17 सेंटीमीटर नीचे गई है। जलस्तर में कमी जारी है। अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति रही तो राप्ती नदी के जलस्तर के भी कमी देखने को मिल सकती है। उधर रोहिन नदी के जलस्तर में भी उतार हो रहा है।
बाढ़ बचाव टीमें सतर्क
राप्ती नदी के जलस्तर को देखते हुए बाढ़ बचाव टीमें सतर्क हैं। 39 गांवों में लोगों को लाने एवं ले जाने के लिए 41 नाव और बढ़ा दी गई है। नाव की कुल संख्या 105 हो गई है। जिलाधिकारी बाढ़ की स्थिति पर रोज रिपोर्ट ले रहे हैं। सभी तहसीलों में पांच नाव अतिरिक्त रखने को कहा गया है। इस समय सदर तहसील में 62, सहजनवां में 26, कैम्पियरगंज में सात, बांसगांव, गोला, खजनी में तीन-तीन व चौरीचौरा में एक नाव लगाई गई है। 86 बाढ़ चौकियां सक्रिय हैं। तहसीलों के एसडीएम भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। तटबंधों के कटान पर नजर रखी जा रही है और जहां भी कटान मिल रही है, उसे दुरुस्त कराया जा रहा है। शुक्रवार को गोला क्षेत्र के ग्राम बगहा में सड़क कट गई थी, उसकी मरम्मत कराई गई। कोलखास एवं ज्ञानकोल में सुरक्षित आवागमन के लिए नाव लगाई गई। चौरीचौरा क्षेत्र में बरहिपाथ तटबंध पर ग्राम बरही एवं भगने में हो रही कटान की मरम्मत कराई गई।