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लाल निशान से 90 सेमी ऊपर पहुंची राप्ती नदी, सरयू के जलस्तर में मामूली वृद्धि

गोरखपुर में राप्ती नदी के पानी में अब तेजी से गिरावट हो रही है। रविवार की शाम छह बजे नदी का जलस्तर 75.88 मीटर रिकार्ड किया गया। इस साल ऐसा पहली बार हुआ है कि राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से केवल 90 सेमी ऊपर रह गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 02:30 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 02:30 PM (IST)
लाल निशान से 90 सेमी ऊपर पहुंची राप्ती नदी, सरयू के जलस्तर में मामूली वृद्धि
गोरखपुर में राप्‍ती नदी उफान पर है। - जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर में बाढ़ की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। राप्ती नदी के पानी में अब तेजी से गिरावट हो रही है। रविवार की शाम छह बजे नदी का जलस्तर 75.88 मीटर रिकार्ड किया गया। नदी का जलस्तर हर घंटे एक सेमी नीचे आ रहा है। इस साल ऐसा पहली बार हुआ है कि राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से केवल 90 सेमी ऊपर रह गया है। यह नदी खतरे के निशान से करीब ढाई मीटर ऊपर बह रही थी। नदी में पानी घटने के कारण बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या में भी कमी होने लगी है। रविवार को 34 और गांव बाढ़ से मुक्त घोषित किए गए। गांव से पानी निकलने के साथ ही लोग बाढ़ शरणालयों से अपने घर लौटने लगे हैं।

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रविवार की शाम रोहिन नदी का जलस्तर 75.41 मीटर दर्ज किया गया। यह नदी खतरे के निशान से काफी नीचे आ गई है। अयोध्या पुल पर सरयू नदी के जलस्तर में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। राप्ती नदी का पानी तेजी से निकलने के कारण तुर्तीपार में सरयू नदी करीब 24 सेमी ऊपर बह रही है। इस समय करीब 339 गांव बाढ़ प्रभावित हैं और लोगों के आवागमन के लिए 501 नाव लगाई गई है। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार स‍िंह ने बताया कि करीब 3.12 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। 56 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन पानी में डूबी है। 64 हजार से अधिक खाद्यान्न किट वितरित किए जा चुके हैं। सामुदायिक किचन से 14 हजार से अधिक भोजन पैकेट बाढ़ पीडि़तों में वितरित किए गए हैं। चौरी चौरा क्षेत्र में 80 अस्थायी शौचालय बनाए गए हैं। मेडिकल टीमें लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर रही हैं। पशुओं के चारे की व्यवस्था भी की जा रही है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में त्वचा रोग के मरीज बढ़े

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रविवार को चिकित्सकों की 12 टीमों ने मरीजों का इलाज किया। सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय स्वयं जोगिया बांध पर पहुंचे और मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। 843 लोगों का इलाज किया गया। इसमें 455 महिलाएं, 388 पुरुष थे। इनमें 81 ब'चे, 9 गर्भवती, 65 वृद्ध और एक दिव्यांग शामिल है। सबसे ज्यादा लोग त्वचा रोग से पीडि़त मिले।

सीएमओ ने बताया कि रविवार को सबसे ज्यादा 244 मरीज त्वचा रोग की शिकायत लेकर आए। इन्हें शरीर पर चकत्ते, दाने, पैरों में सडऩ, त्वचा से बदबू आने समस्या थी। 90 मरीज सर्दी, जुकाम और बुखार से पीडि़त मिले। 28 मरीजों में उल्टी, दस्त की समस्या मिली। इन मरीजों को फौरन इलाज के साथ ही ओआरएस के पैकेट भी दिए गए। 481 मरीज दूसरी बीमारियों के मिले। रविवार को 4169 क्लोरीन की गोलियां वितरित की गईं। 216 ओआरएस पैकेट ग्रामीणों को दिए गए। इसके साथ ही 650 हैंडपंपों को विसंक्रमित किया गया।


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