गोरखपुर में दारोगा के बेटे का सिर काटने वाला रमेश कासगंज जेल में शिफ्ट Gorakhpur News
कुशीनगर जिले के हाटा बड़ा बुजुर्ग निवासी सेवानिवृत्त दारोगा नवल किशोर राव का बेटा लोकेंद्र उर्फ कन्हैया शहर में किराये के मकान में रहकर पढ़ाई करता था। तीन नवंबर 2014 को लोकेंद्र कमरे से निकला और लापता हो गया।
गोरखपुर, जेएनएन। सेवानिवृत्त दारोगा के बेटे का सिर काटकर हत्या करने वाले शातिर बदमाश को जेल प्रशासन ने मंगलवार को कासगंज जेल में शिफ्ट कर दिया। गोरखपुर जेल में गुटबाजी करने पर अधिकारियों ने उसे दूसरी जेल में शिफ्ट करने के लिए रिपोर्ट भेजी थी। बदमाश रमेश यादव बेलीपार थाना क्षेत्र के करजही गांव का रहने वाला है।
2014 में साथियों के साथ मिलकर वारदात को दिया था अंजाम
कुशीनगर जिले के हाटा, बड़ा बुजुर्ग निवासी सेवानिवृत्त दारोगा नवल किशोर राव का बेटा लोकेंद्र उर्फ कन्हैया शहर में किराये के मकान में रहकर पढ़ाई करता था। तीन नवंबर, 2014 को लोकेंद्र कमरे से निकला और लापता हो गया। उसी समय बेलीपार थाना क्षेत्र में एक सिर कटा युवक का शव मिला। सात नवंबर, 2014 को शव की पहचान लोकेंद्र के रूप में हुई। अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की तो कैंट के बिलंदपुर बांसगांव कालोनी निवासी अनिमेष लाला, महराजगंज जिले के खड़ेसरी निवासी शक्तिधर ङ्क्षसह, बेलीपार के करजहीं निवासी रमेश यादव व कटाई गांव के सोनू का नाम सामने आया। उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस ने घटना का पर्दाफाश किया। जेल में रमेश गुटबाजी करने लगा। उसके आपराधिक छवि के कारण उसे शासनादेश पर कासगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया। हत्या के बाद रमेश तीन साल तक फरार रहा। इस दौरान 25 हजार का इनाम घोषित हुआ। रमेश फरारी के दौरान दिल्ली में पान की दुकान चलाता था। छिपकर घर आता एवं भाग निकलता था।
नौकरी दिलाने का झांसा देकर हिस्ट्रीशीटर ने 50 हजार हड़पे
हरपुर बुदहट क्षेत्र के चेचुआपार निवासी अजय सिंह ने हरपुर बुदहट थाने के हिस्ट्रीशीटर बदमाश पर नौकरी दिलाने के नाम पर 50 हजार रुपये हड़पने का आरोप लगाया है। एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर पीडि़त ने हिस्ट्रीशीटर से रुपये वापस दिलाने और उसके विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। एसएसपी ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। रुपये हड़पने वाले हिस्ट्रीशीटर की पत्नी पुलिस में अधिकारी है। अजय के पिता की तबीयत खराब थी। वह उनका इलाज कराने लखनऊ गए थे। वहीं पर उनकी मुलाकात हिस्ट्रीशीटर से हो गई। अजय के मुताबिक उसने बताया कि उसकी पत्नी के कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद खाली है। 50 हजार रुपये देने पर उसने पत्नी के कार्यालय में नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। अजय ने उसके खाते में 50 हजार रुपये भेज दिए। काफी दिन इंतजार करने के बाद वह नौकरी नहीं दिला पाया तो अजय ने रुपये वापस मांगने शुरू किए। स्थानीय पुलिस से उन्होंने इसकी शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।