लाल किले से लौटे रामगणेश बोले- पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने चौड़ा किया वनटांगियों का सीना
गोरखपुर के वनटांगिया गांव जंगल तिनकोनिया नंबर तीन निवासी रामगणेश लाल किला में आयोजित समारोह के पहले वनटांगिया अतिथि बने थे। रामगणेश सहित सभी ग्रामीण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त कर रहे हैं कि आज उन्हीं की बदौलत समाज में वनटांगियों का मस्तक सम्मान के साथ ऊंचा हुआ है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर के जंगल तिनकोनिया नंबर तीन निवासी रामगणेश लाल किला में आयोजित समारोह के पहले वनटांगिया अतिथि बने हैं। सोमवार सुबह वह दिल्ली से अपने गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने तिलक लगाकर व मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया। ग्रामीण उत्साहित हैं कि रामगणेश ने समूचे वनटांगिया समुदाय का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। रामगणेश सहित सभी ग्रामीण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी का आभार व्यक्त कर रहे हैं कि आज उन्हीं की बदौलत समाज में वनटांगियों का मस्तक सम्मान के साथ ऊंचा हुआ है।
लाल किला समारोह के पहले वनटांगिया अतिथि बने रामगणेश
रामगणेश कहते हैं कि इन दोनों की कृपा से लाल किला समारोह में जाने का मौका मिला। उन्हें उस विशिष्ट दीर्घा में बैठने की जगह मिली, जहां देश के वीआईपी बैठने के लिए तरसते हैं। रामगणेश इससे खुद को इतना गौरान्वित महसूस कर रहे हैं कि उस क्षण को बयां करने के लिए उन्हें शब्द नहीं मिल रहा है। वह कहते हैं कि उनके लिए प्रधानमंत्री को करीब से देखना और लाल किला समारोह से उनका संबोधन सुनना किसी बड़े तमगे से कम नहीं हैं। गांव वाले तो इसी से उत्साहित हैं कि वनटांगियों की कई पीढ़ी तक यह कहानी सुनाई जाएगी कि यहां का एक बेटा लाल किला समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुआ था।
सुबह पांच बजे पहुंचे लाल किला, विशिष्ट दीर्घा में मिली जगह
बता दें लाल किले पर आयोजित स्वाधीनता दिवस समारोह के लिए प्रदेश के 10 विशिष्ट जाति व परंपरा के लोगों को आमंत्रित किया गया था। इसमें गोरखपुर से रामगणेश भी शामिल रहे। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रामगणेश शनिवार सुबह छह बजे से दिल्ली पहुंच चुके थे। वहां यूपी भवन में उनके ठहरने की व्यवस्था थी। रविवार सुबह साढ़े चार बजे ही रामगणेश स्नान आदि करके कार्यक्रम के लिए तैयार हो गए। सुबह पांच बजे वह लालकिला परिसर में पहुंच गए। सुबह करीब सात बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले के मंच पर चढ़ गए। करीब साढ़े सात बजे से उनका संबोधन शुरू हुआ।
प्रदेश सरकार के वाहन लाल किले पहुंचे रामगणेश
रामगणेश का कहना है प्रदेश के विभिन्न जिलों से थारू, आदिवासी व अन्य जातियों के लोगों को दिल्ली के यूपी भवन भवन लाया गया था। वनटांगिया समुदाय से वह स्वयं थे। कार्यक्रम में जाने के लिए सभी अपनी वेशवूषा में तैयार हुए। थारू जाति की महिला ने अपना विशेष पहनावा पहना तो रामगणेश ने अपने सिर पर केशरिया रंग की पगड़ी बांध ली। उन्हें प्रदेश सरकार के विशेष वाहन से लाल किला ले जाया गया।