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राखी मर्डर केस : 10 साल पहले डॉक्टर से हुई थी राखी की जान पहचान

गोरखपुर शहर के डाक्टर डीपी सिंह से राखी की मुलाकात 10 साल पहले हुई थी। उसके बाद दोनो ने मंदिर में शादी भी कर ली थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 04:30 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 04:30 PM (IST)
राखी मर्डर केस : 10 साल पहले डॉक्टर से हुई थी राखी की जान पहचान
राखी मर्डर केस : 10 साल पहले डॉक्टर से हुई थी राखी की जान पहचान

गोरखपुर, जेएनएन। मंदिर में डॉक्टर से शादी करने की जानकारी होने पर घरवालों ने राखी से किनारा कर लिया था। पिता की मौत होने के बाद भाइयों ने दाउदपुर में स्थित मकान बेच दिया। जीविका चलाने के लिए राखी ने कोचिंग सेंटर खोला, लेकिन विवादों के चलते सफलता नहीं मिली।

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दाउदपुर निवासी हरिराम श्रीवास्तव की चार संतानों में राखी सबसे छोटी थी। वर्ष 2008 में हरिराम की तबीयत बिगड़ने पर परिवार के लोगों ने उन्हें आर्यन हास्पिटल में भर्ती कराया, जहां लंबे समय तक उनका इलाज चला। राखी हास्पिटल में रहकर उनकी देखरेख करती थी। जहां उसकी जान-पहचान डॉ. डीपी सिंह से हो गई। मेल जोल बढ़ने पर दोनों के बीच फोन पर बातचीत होने लगी। वर्ष 2011 में राखी बीएड की परीक्षा देने गोंडा गई थी। डॉक्टर डीपी सिंह भी उसके साथ गोंडा गए थे। मंदिर में शादी करने के बाद दोनों साथ रहने लगे। मनमुटाव होने पर अलग हो गए। 31 जुलाई को 2014 को राखी ने महिला थाने में डॉ. डीपी सिंह पर बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज करा दिया।

13 सितंबर 2014 को वह तत्कालीन डीआइजी डॉ. संजीव गुप्त से मिली। राखी ने उन्हें बताया था कि बड़ी बहन के बेटे का इलाज कराने नौ सितंबर 2014 को वह लखनऊ गई थी। अस्पताल से लौटते समय डॉ. डीपी सिंह ने चार साथियों के साथ उसका अपहरण कर लिया। तीन दिनों तक लखनऊ के होटल में बंधक बनाकर दुष्कर्म करने के साथ ही समझौते के लिए दबाव बनाता रहा। घर न पहुंचने पर 10 सितंबर को बहन ने चिनहट थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी। गुमशुदगी दर्ज होने की जानकारी के बाद 12 सितंबर को डॉक्टर छोड़कर फरार हो गए। इस घटना के बाद दोनों के बीच तल्खी बढ़ गई। जिसे लेकर कई बार विवाद हुआ।

इस संबंध में एसएसपी डॉ. सुनील गुप्त का कहना है कि डॉक्टर डीपी सिंह पर दर्ज हुए पुराने मुकदमों की स्थिति जांची जा रही है। लखनऊ पुलिस से चिनहट में दर्ज हुए मामले की जानकारी मांगी गई है। साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई होगी।

यह था मामला

गोरखपुर शहर के आर्यन हास्पिटल के संचालक डॉ. डीपी सिंह और उसके दो कर्मचारियों ने जून 2018 में नेपाल के भैरहवा में 35 वर्षीय राखी का अपहरण कर लिया था। 8 जून को उसे शराब में नशीली दवा खिलाकर नेपाल के पोखरा में पहाड़ी के नीचे उसे फेंक दिया था। उस समय नेपाली पुलिस ने शव बरामद कर लिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या किए जाने का प्रमाण मिला। राखी गोरखपुर शहर के बिछिया कॉलोनी में डा. डीपी सिंह के मकान में रहती थी। हालांकि राखी के बड़े भाई अमर प्रकाश ने शाहपुर थाने में पति मनीष श्रीवास्तव के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज करा रखा है। जांच में पता चला कि पति के साथ राखी काठमांडू घूमने गई थी। लौटते समय भैरहवा में उसकी मुलाकात आर्यन हास्पिटल के संचालक डॉ. डीपी सिंह से हुई थी। कर्मचारियों की मदद से राखी का अपहरण कर डॉ. डीपी सिंह उसे लेकर पोखरा लेकर चला गया। वहां धोखे से प्रेमिका को नशे की गोली खिलाने के बाद पहाड़ी से नीचे फेंक दिया और गोरखपुर आ गया।


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