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बारिश ने गोरखपुर-वाराणसी मार्ग के निर्माण की गुणवत्‍ता की खोली पोल, उधड़ी सड़क, आई दरार

गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग का निर्माण कार्य काफी दिन से चल रहा है। निर्माण कार्य अभी पूरा भी नहीं हुआ कि बरासात में नवनिर्मित सडक में दरारेें पडने लगी हैं। कई जगह सडक धंध भी गई है। सडक निर्माण की गुणवत्‍ता पर यह गंभीर सवाल है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 03:50 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 03:50 PM (IST)
बारिश ने गोरखपुर-वाराणसी मार्ग के निर्माण की गुणवत्‍ता की खोली पोल, उधड़ी सड़क, आई दरार
नवनिर्मित गोरखपुर वाराणसी राजमार्ग में आई दरार। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 29) पर बारिश से गुणवत्तापूर्ण सड़क की पोल खुल रही है। अभी निर्माण पूरा भी नहीं हुआ है कि सड़कों पर दरारों के साथ जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़े गड्ढों के कारण वाहन हिचकोले खाते हुए गुजर रहे हैं। यह स्थिति तब है,जब सड़क निर्माण व प्रगति की समीक्षा मुख्यमंत्री लगातार कर रहे हैं।

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पीएमओ से भी होती है निर्माण कार्य की मानीटरिंग

गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग के निर्माण कार्य की मानीटरिंग पीएमओ से भी की जाती है। कुछ ऐसी ही स्थिति जगंल कौडिय़ा-कालेसर और गोरखपुर-कसया फोरलेन की भी है। बरसात में सड़क पर जलभराव के चलते सड़कें कई जगह टूट गई हैं। कई जगह तो गड्ढे इतने बड़े हैं कि दोपहिया चालक जहां उसमें फंसकर गिर जा रहे हैं। चारपहिया वाहनों का भी इन सडकों से गुजरना मुश्किल हो गया है।

55 किमी की दूरी तय करने में लग रहे चार घंटे

नौसढ़ से बड़हलगंज के बीच की 55 किलोमीटर की दूरी तय करने में तीन से चार घंटे तक लग जा रहे हैं। बारिश व जलभराव की वजह से कई जगहों पर सड़क गड्ढे में तब्दील हो चुकी है। ऊंचगांव के पास बनी सीसी रोड पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। पास ही मिट्टी बैठ जाने से सड़क भी धंस गई है। महावीर छपरा से लेकर एकला तक करीब आठ किलोमीटर तक निर्माण किए गए सड़क में जगह जगह गड्ढे व सड़कों में दरार आ गई है। दरार भी ऐसी कि नए सिरे सड़क बनानी पड़ेगी। इस गुणवत्तायुक्त निर्माणधीन सड़क का हाल देखकर सभी हैरान हैं।

मिट्टी और गिट्टी डालकर खामियों को छिपाने की कोशिश कर रही कार्यदायी संस्‍था

अपनी खामियों को छिपाने के लिए कार्यदायी संस्था मिट्टी और गिट्टी से गड्ढा भरने में जुट गई है। सड़कें धंसने एवं दरार पडऩे से दोपहिया वाहनों के चलाने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बीच में गड्ढे होने के कारण राहगीर गिरकर चोटिल भी हो रहे हैं। नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) के अधिकारियों का दावा था कि सितंबर-21 में एक लेन सड़क निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा, लेकिन बदहाल सड़क को देखकर लगता नहीं कि एक लेन इस वर्ष पूरा हो पाएगा।

बाढ के पानी में डूब गया था जंगल कौडिया-कालेसर फोरलेन

वहीं जंगल कौडिय़ा-कालेसर फोरलेन भी कई जगहों पर धंस गई है। बाढ़ का पानी सड़क पर कई दिनों तक रहने के चलते सड़क कई जगह से टूट गई है। सड़क की गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सड़क पर दो-दो मीटर लंबा गड्ढा बन गया है। सड़क पर पानी लगते ही गिट्टी उखडऩी शुरू हो जाती है। फिलहाल उसमें गिट्टी भरा गया है।

नई सडक में दरार पडने की कराई जाएगी जांच

परियोजना निदेशक सीएम द्विवेदी बताते हैं कि पानी लगने की वजह से कुछ जगहों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है। जल्द ही उसे ठीक करा दिया जाएगा। नई सड़क पर दरार क्यों पड़ी इसकी जांच होगी। जो जिम्‍मेदार होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।


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