North Eastern Railway: मदद नहीं मांगी तब भी मदद करेगा रेलवे Gorakhpur News
यात्री कहीं से भी अपने मोबाइल लैपटाप या कंप्यूटर सिस्टम पर रेल मदद पोर्टल को रजिस्टर्ड कर अपनी बात रेलवे तक पहुंचा सकते हैं। शिकायतों का निपटारा अधिकतम आठ घंटे में हो जाएगा। निपटारा के बाद रेलकर्मी के पास मैसेजे भी पहुंचेगा।
गोरखपुर, जेएनएन। अगर किसी यात्री ने रेल मदद पोर्टल को सबमिट कर दिया है और उसमें न शिकायत लिखी और न ही कोई सुझाव दे पाया। तब भी रेलवे संबंधित व्यक्ति से संपर्क करेगा। यात्री को फोन कर पोर्टल के प्रयोग का कारण पूछेगा। समस्याएं जानेगा और तुरंत उसका समाधान भी करेगा। अब महीनों नहीं घंटों में शिकायतों का निपटारा होगा।
रेल मदद पोर्टल को रजिस्टर्ड कर अपनी बात रेलवे तक पहुंचा सकते हैं यात्री
यात्री कहीं से भी अपने मोबाइल, लैपटाप या कंप्यूटर सिस्टम पर रेल मदद पोर्टल को रजिस्टर्ड कर अपनी बात रेलवे तक पहुंचा सकते हैं। शिकायतों का निपटारा अधिकतम आठ घंटे में हो जाएगा। निपटारा के बाद रेलकर्मी के पास मैसेजे भी पहुंचेगा। साथ ही यात्री या संबंधित शिकायतकर्ता से फीड बैक भी लिया जाएगा। फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने नवागत महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी के निर्देशन पर रेल मदद एप को आम जन तक पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है।
पोर्टल पर फोन की भी सुविधा उपलब्ध
दरअसल, रेलवे बोर्ड ने हेल्पलाइन नंबर 139 की तरह रेल मदद एप को भी एकीकृत कर दिया है। इस पोर्टल पर अब कोई भी व्यक्ति हेल्पलाइन 139 की तरह किसी भी तरह की समस्या रेलवे तक पहुंचा सकता है। अगर मन में कोई सुझाव चल रहा है तो वह भी दे सकता है। मदद पोर्टल पर 139 फोन की भी सुविधा उपलब्ध है। अगर कोई यात्री लिखित शिकायत नहीं कर पा रहा तो हेल्पलाइन नंबर पर फोन के जरिये रेलवे तक अपनी बात पहुंचा सकता है।
पहले भी काम कर रहा था पोर्टल
जानकारों के अनुसार यात्रियों की मदद के लिए रेलवे ने रेल मदद पोर्टल तो बना दिया था लेकिन उसकी सार्थकता नहीं साबित हो पा रही थी। इस पोर्टल पर यात्रा व टिकट से संबंधित सीमित शिकायतें ही दर्ज हो पाती थीं। जो शिकायतें आती थी उनका संज्ञान नहीं लिया जाता था। एक समस्या के निपटारे में महीनों लग जाते थे। ऐसे में आम यात्रियों का रुझान भी धीरे-धीरे समाप्त हो रहा था। लेकिन अब रेलवे इस पोर्टल को पूरी तरह अपडेट और समृद्ध कर रहा है।