गोरखपुर में होटल, माल और अपार्टमेंट बनवाएगा रेलवे- रेल भूमि विकास प्राधिकरण ने दी मंजूरी
रेलवे गोरखपुर शहर के बीच स्थित अपनी भूमि पर होटल और माल बनाकर जहां पर्यटकों को आकर्षित करेगा। वहीं अपार्टमेंट तैयार कर आम लोगों को घर उपलब्ध कराएगा। फिलहाल रेलवे और आरएलडीए के अधिकारियों ने चिन्हित भूमि के व्यावसायिक उपयोग का खाका तैयार कर लिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। रामगढ़ताल के बाद अब शहर के बीच लोगों का घर बनाने का सपना भी पूरा होगा। घर के आसपास होटल और माल की सुविधा भी मिलेगी। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की सहमति के बाद रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने असुरन चौराहा, दुर्गाबाड़ी आरपीएफ बैरक और धर्मशाला बाजार स्थित भूमि के कामर्शियल उपयोग की तैयारी भी शुरू कर दी है।
यहां होंगे निर्माण
आरएलडीए शहर के बीच स्थित रेलवे की भूमि पर होटल और माल बनाकर जहां पर्यटकों को आकर्षित करेगा। वहीं अपार्टमेंट तैयार कर आम लोगों को घर उपलब्ध कराएगा। फिलहाल, रेलवे और आरएलडीए के अधिकारियों ने चिन्हित भूमि के व्यावसायिक उपयोग का खाका तैयार कर लिया है। गोरखनाथ ओवरब्रिज के नीचे दुर्गाबाड़ी में 25500 स्क्वायर मीटर भूमि पर अर्पाटमेंट बनाए जाएंगे।
असुरन चौराहा से पूरब की तरफ मोहद्दीपुर जाने वाली सड़क के दोनों किनारे 27492 स्क्वायर मीटर भूमि भी सुरक्षित कर ली गई है। चौराहा से सटे रेलवे की इस भूमि पर होटल और माल बनाने की तैयारी है। धर्मशाला बाजार- गोरखनाथ रोड पर भी लगभग 415 स्क्वायर मीटर जमीन है। यहां भी अपार्टमेंट या माल बनाने की योजना है।
जमीन 99 साल के लिए लीज पर देने की प्रक्रिया शुरू
जानकारों के अनुसार आरएलडीए इन कीमती जमीन का व्यावसायिक उपयोग कर रेलवे की झोली तो भरेगी ही, पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। रेलवे परिसर के आसपास वाले क्षेत्र का विकास भी होगा। फिलहाल, रामगढ़ताल के किनारे स्थित रेलवे कालोनी की 32011 वर्ग मीटर भूमि को 99 साल के लिए लीज पर देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कालोनी में ही 900 वर्ग मीटर क्षेत्र में रेलवे के अफसरों के लिए ट्रांजिट सूट भी तैयार किए जाएंगे। भूमि को विकसित करने की जिम्मेदारी निजी फर्म के हाथों में होगी। इसके लिए रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) आमंत्रित कर दिया गया है।
शहरों के बीच रेलवे की भूमि व कालोनियों का होगा विकास
आरएलडीए ने देशभर के प्रमुख शहरों के बीच स्थित रेलवे की खाली भूमि व कालोनियों के विकास की योजना तैयार की है। इसमें कामर्शियल साइट्स, कालोनी पुनर्विकास, स्टेशन पुनर्विकास और मल्टी फंक्शनल कम्प्लेक्स शामिल हैं। भारतीय रेलवे के पास देश भर में लगभग 43000 हेक्टेयर खाली भूमि है। जिसमें 84 रेलवे कालोनी के पुनर्विकास परियोजना पर कार्य शुरू हो चुका है।
गोरखपुर सहित 15 स्टेडियमों का भी होगा कामर्शियल उपयोग
रेलवे बोर्ड खेल के मैदानों में भी कमाई का जरिया खोजने लगा है। प्रथम चरण में यूपी के गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी व राय बरेली सहित देशभर के भारतीय रेलवे के 15 स्टेडियमों के आर्थिक तकनीकी अध्ययन (टेक्नो इकोनामिक स्टडीज) की जिम्मेदारी भी आरएलडीए को सौंप दी है। आरएलडीए ने पूर्वोत्तर रेलवे सहित संबंधित जोन में स्टेडियमों की समीक्षा शुरू कर दी है।