सीएम सिटी के विकास से कदमताल मिला रहा है रेलवे Gorakhpur News
सीएम सिटी गोरखपुर में केवल शहर का ही विकास नहीं हो रहा है। रेलवे भी अपना कायाकल्प कर रहा है। कोशिश यह कि रेलवे में भी सीएम सिटी के विकास से कदम ताल मिलाकर चले।
गोरखपुर, जेएनएन। सीएम सिटी गोरखपुर में केवल शहर का ही विकास नहीं हो रहा है। रेलवे भी अपना कायाकल्प कर रहा है। कोशिश यह कि रेलवे में भी सीएम सिटी के विकास से कदमताल मिलाकर चले। इसके लिए रेलवे तैयारी भी शुरू कर दी है। शुरुआत जीएम आफिस, जीएम आवास और वीआइपी गेस्ट हाउस से की जा रही है। अभी जीएम आवास मार्ग का कायाकल्प किया जा रहा है।
नए विश्रामालय का निर्माण
जीएम आवास मार्ग पर लगभग 90 लाख रुपये की लागत से एक और अधिकारी विश्रामालय बनकर तैयार हो गया है। नवनिर्मित राप्ती अधिकारी विश्रामालय के बेहद आकर्षक चार सुईट रेल अधिकारियों को बरबस अपनी तरफ आकर्षित करेंगे। सुईट में अधिकारी विश्राम के साथ अहम बैठक और कांफ्रेंस आदि भी कर सकेंगे।
पुराने विश्रामालय का भी हुआ कायाकल्प
रेलवे के पुराने वीवीआइपी अधिकारी विश्रामालय में पहले भी चार सुईट हैं। लेकिन रेल मंत्री या रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के आगमन पर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की परेशानी बढ़ जाती थी। उच्च अधिकारियों के लिए अलग से सुईट उपलब्ध नहीं हो पाते थे। ऐसे में नया राप्ती अधिकारी विश्रामालय राहत पहुंचाएगा। हालांकि, रेलवे प्रशासन ने वीवीआइपी अधिकारी विश्रामालय का भी कायाकल्प करा दिया है।
यही नहीं जीएम मार्ग का भी कायाकल्प हो रहा है। सौंदर्यीकरण के तहत सड़क चौड़ी हो गई है। दोनों तरफ पाथ-वे, पौधे और हरियाली लोगों को आकर्षित करने लगी हैं। लोग सुखद सफर का अहसास करने लगे हैं। इस मार्ग को सुरक्षित बनाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी निर्णय लिया गया है।
सभी प्रमुख अधिकारियों के आवास हैं यहां
इस मार्ग पर महाप्रबंधक कार्यालय के अलावा वरिष्ठ उपमहाप्रबंधक, उप महाप्रबंधक, प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त, लेखा विभाग, सांख्यिकी, भंडार डिपो, स्टेट बैंक की शाखा, कोआपरेटिव बैंक, इलाहाबाद बैंक शाखा, पोस्ट आफिस, अधिकारी क्लब, कारखाना कार्यालय, यांत्रिक इंजीनियङ्क्षरग विभाग, चिकित्सा निदेशक, कार्मिक विभाग, इंजीनियङ्क्षरग विभाग और वाणिज्य विभाग स्थित है। इसके अलावा आधा दर्जन बैंकों के एटीएम हब हैं। दरअसल, सीएम सिटी में रेलवे का तेजी के साथ विकास हो रहा है। स्टेशन परिसर ही नहीं मुख्यालय परिसर का भी कायाकल्प शुरू है।