Good News : गोरखपुर का रेलवे चिकित्सालय बनेगा मेडिकल कालेज
गोरखपुर के रेलवे चिकित्सालय को शीघ्र मेडिकल कालेज का दर्जा मिलेगा। यहां अब पीजी की पढ़ाई होगी। रेलवे ने इसे मेडिकल कालेज के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे चिकित्सालय (एलएनएम) मेडिकल कालेज बनेगा। यहां अब पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) की पढ़ाई होगी। मंत्रालय की पहल और बोर्ड के दिशा-निर्देश पर पूवरेत्तर रेलवे प्रशासन ने चिकित्सालय को मेडिकल कालेज के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रशासनिक स्तर पर चिकित्सालय का विस्तार भी शुरू हो गया है।
सूत्रों के अनुसार रेलवे बालक इंटर कालेज के एक खाली हो रहे ब्लाक को अधिग्रहीत करने की तैयारी चल रही है। बीआरडी मेडिकल कालेज से भी फैकल्टी की मांग की गई है। दरअसल, रेल मंत्रलय ने भारतीय रेलवे स्तर पर चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ावा देने की योजना तैयार की है। ताकि, बदहाल हो रहे केंद्रीय रेलवे अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। जानकारों के अनुसार चिकित्सा की पढ़ाई शुरू होने से रेलवे के अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था और बेहतर व मजबूत होगी। पर्याप्त सुविधा और संसाधन के बाद भी अस्पताल रेफरल बनते जा रहे हैं। लाख प्रयास के बाद भी रेलवे को चिकित्सक नहीं मिल रहे।
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव ने कहा कि ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय, गोरखपुर को मेडिकल कालेज बनाने की प्रक्रिया प्रारंभिक स्तर पर है। इसके बनने से काफी लाभ मिलेगा।
एक नजर में रेलवे अस्पताल
- 1930 में स्थापित हुआ ललित नारायण मिश्र रेलवे अस्पताल
- साढ़े तीन एकड़ में फैला है अस्पताल, 366 बेड की सुविधा
- रेलवे अस्पताल में छह बड़े विंग और परिसर में तीन बड़े पार्क
- आइसीसीयू, सर्जिकल आइसीयू और इमरजेंसी, डायलिसिस की सुविधा
- इमरजेंसी, ओपीडी, रेडियो एवं फिजियोथिरेपी, आथरेपेडिक की सुविधा
- दस विशेषज्ञ चिकित्सक और दो दर्जन चिकित्सक तैनातलगभग दो सौ स्टाफ कार्यरत, रोजाना 800 मरीज पहुंचते हैं अस्पताल।