Move to Jagran APP

450 पेड़ों के काटे जाने पर पीडब्‍लूडी और वन विभाग आमने-सामने Gorakhpur News

वन विभाग के अधिकारी मामले की लीपापोती में जुट गए हैं और कर्मचारियों को बचाने के लिए पीडब्लूडी के अवर अभियंता मेठ व ग्रामीणों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 11:28 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 01:47 PM (IST)
450 पेड़ों के काटे जाने पर पीडब्‍लूडी और वन विभाग आमने-सामने Gorakhpur News
450 पेड़ों के काटे जाने पर पीडब्‍लूडी और वन विभाग आमने-सामने Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। खजनी-उरुवा मार्ग पर मरचा से दशवतपुर के बीच 450 हरे पेड़ों की कटान को लेकर लोक निर्माण व वन विभाग के जिम्मेदार आमने-सामने आ गए हैं। एक-दूसरे को कटान के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। पीडब्लूडी के मेठ दरबारी लाल ने शुक्रवार को वनकर्मियों के खिलाफ उरुवा थाने में तहरीर दी। कहा कि वनकर्मियों ने मारपीट कर पेड़ कटवाना स्वीकार कराया।

loksabha election banner

मेठ ने तहरीर में आरोप लगाया कि वनकर्मियों ने 12 फरवरी को पकड़ लिया और मारपीट कर पीडब्लूडी के अवर अभियंता की ओर से पेड़ कटवाने की बात कबूल कराई। हमलावर वनकर्मियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए। वहीं डीएम के निर्देश पर राजस्व कर्मियों के साथ एसडीएम गोला राजेंद्र बहादुर मरचा गांव पहुंचे। सड़क के दोनों किनारों पर काटे गए पेड़ों की गिनती कराई और ग्रामीणों के बयान लिए।

मुख्य अभियंता ने डीएम को बताई वस्तुस्थिति

पीडब्लूडी के मुख्य अभियंता एसपी सिंह शुक्रवार दोपहर डीएम के. विजयेंद्र पाण्डियन से मिले। कहा कि मार्ग के दोनों किनारों पर स्थित पेड़ों को कटवाने में विभाग के कर्मचारी व मेठ शामिल नहीं हैं। वनकर्मियों ने मेठ को मारपीट कर जबरन पेड़ कटवाने का जुर्म कुबूल कराया है। इसकी जांच कराई जाए और वनकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराने की अनुमति दी जाए।

अभी तक किसी भी वनकर्मी पर नहीं हुई कार्रवाई

हरे पेड़ों की अवैध कटान प्रकरण में अभी तक किसी भी वनकर्मी पर कार्रवाई नहीं हुई है। वन विभाग के अधिकारी मामले की लीपापोती में जुट गए हैं और कर्मचारियों को बचाने के लिए पीडब्लूडी के अवर अभियंता, मेठ व ग्रामीणों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया हैं।

जांच एसडीओ फरेंदा के हवाले

इस संबंध में मुख्य वन संरक्षक दीपक कुमार का कहना है कि 450 हरे पेड़ों की कटान की जांच एसडीओ फरेंदा को सौंपी है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने भी इस मामले में जांच कराने को कहा है। अब तक की जांच में पता चला है कि हरे पेड़ वन विभाग की ओर से नहीं काटे गए हैं। ऐसे में वन विभाग पर मुकदमा दर्ज कराना उचित नहीं है।

पेड़ कटवाने की नहीं थी जरूरत

उधर पीडब्लूडी के मुख्य अभियंता एसपी सिंह का कहना है कि सड़क के दोनों किनारों पर स्थित पेड़ कटवाने की हमें जरूरत नहीं थी। सड़क के लिए सिर्फ दो मीटर जमीन चाहिए थी और जो भी पेड़ कटे हैं, उनकी दूरी सड़क से साढ़े तीन से लेकर 10 मीटर तक है। पेड़ कटवाने की जरूरत होती तो प्रस्ताव में शामिल करते। इस संबंध में जिलाधिकारी से मुलाकात कर वस्तुस्थिति से उन्हें अवगत करा दिया है। अपनी जांच रिपोर्ट मंडलायुक्त को भेज दी है। पेड़ काटने से पीडब्लूडी का दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है।

पेड़ भी बरामद होगा, दोषियों पर कार्रवाई भी होगी

जबकि जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पांडियन का कहना है कि उरुवा क्षेत्र में पीडब्लूडी की ओर से सड़क चौड़ीकरण का कार्य कराया जा रहा है। इसका फायदा उठाकर ग्रामीणों ने अन्य लोगों के सहयोग से करीब चार सौ छोटे-बड़े पेड़ काट लिए हैं। एसडीएम को मौके पर जांच के लिए भेजा गया था। टीम गठित की गई है। पीडब्लूडी के मुख्य अभियंता व एसओ उरुवा को बुलाकर पूछताछ की गई है। नामजद एफआइआर के निर्देश दिए गए हैं। फोटोग्राफ के आधार पर मामले में संलिप्त लोगों की लिस्ट तैयार कराई जा रही है, जितने भी पेड़ काटे गए हैं उसे बरामद करने के साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.