गीताप्रेस में कल्याण के कृपानुभूति अंक का प्रकाशन शुरू, इसी माह डिस्पैच करने की तैयारी
गीताप्रेस से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका कल्याण के विशेषांक कृपानुभूति अंक का प्रकाशन शुरू हो गया है। इसी माह डिस्पैच करने की तैयारी है। पिछले पांच साल से इस पत्रिका का मूल्य नहीं बढ़ाया गया है। कीमत ढाई सौ रुपये है इसमें डाक खर्च भी शामिल है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गीताप्रेस से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका 'कल्याण' के विशेषांक 'कृपानुभूति अंक' का प्रकाशन शुरू हो गया है। इसी माह डिस्पैच करने की तैयारी है। पिछले पांच साल से इस पत्रिका का मूल्य नहीं बढ़ाया गया है। कीमत ढाई सौ रुपये है, इसमें डाक खर्च भी शामिल है। 1.80 लाख की संख्या में यह अंक प्रकाशित किया जा रहा है।
आम पाठकों की अनुभूति से संबंधित होगा विशेषांक
श्रीमद्भागवत महापुराण, महाभारत, श्रीरामचरितमानस, आनंद रामायण, गर्ग संहिता, संत साहित्य एवं लोक साहित्य से भगवत्कृपा अनुभूति से संबंधित लेख व आम पाठकों की अनुभूति से संबंधित लेखों को इस विशेषांक में शामिल किया गया है। प्रेस प्रबंधन ने लोगों में भगवान के प्रति श्रद्धा उत्पन्न करने और उनकी महिमा जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से कल्याण के 96वें वर्ष के विशेषांक को भगवत कृपा अनुभूति की माला बनाने का निर्णय लिया है। सुदामा, शबरी, गोपियों, जटायु, सुदामा आदि पर बरसी भगवान की कृपा से संबंधित लेखों का संकलन किया गया है। इस विशेषांक के लिए साधु-संतों, महात्माओं, कथावाचकों व आम पाठकों से भी लेख आमंत्रित किए गए थे।
पांच सौ पेज का होगा विशेषांक
यह विशेषांक पांच सौ पेज का होगा। इसमें आठ आर्ट पेपर लगाए लगाए जाएंगे, जिन पर भगवान के रंगीन चित्र होंगे। कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 250 रुपये में विशेषांक सहित पूरे वर्ष के सभी 11 साधारण अंक पाठकों को उपलब्ध कराए जाएंगे। इसमें डाक खर्च भी शामिल है।
विशेषांक में शामिल हैं आम पाठकों के लेख
गीताप्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी बताते हैं कि इस विशेषांक में धार्मिक पुस्तकों व विषम परिस्थितियों में भगवत कृपा महसूस करने से संबंधित आम पाठकों के लेख शामिल किए गए हैं। प्रकाशन शुरू कर दिया गया है। इस माह के पहले सप्ताह में विशेषांक छपकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद डिस्पैचिंग शुरू कर दी जाएगी। पहला अंक रजिस्टर्ड डाक से भेजा जाएगा। शेष सभी साधारण अंक साधारण डाक से भेजे जाएंगे।