UP Panchayat Elections 2021: गोरखपुर में 70 फीसद पंचायतों का बदल जाएगा आरक्षण आवंटन, प्रशासन ने शुरू की तैयारी
UP Panchayat Elections 2021 अभी तक आरक्षण तय करने की जो व्यवस्था बनायी गई है उसके मुताबिक 2015 के चुनाव में जो गांव अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित रहे होंगे इस बार उस वर्ग के लिए उनका आरक्षण नहीं होगा।
गोरखपुर, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर आधार वर्ष में बदलाव के बावजूद दावेदारों को अधिक दिनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। 20 मार्च तक सभी पदों की अनंतिम सूची का प्रकाशन हो जाने की संभावना है। उसके बाद आपत्तियां मंगाकर उसका निस्तारण किया जाएगा और 26 मार्च को अंतिम सूची प्रकाशित करने की तैयारी है। बुधवार को देर शाम तक शासन की ओर से जारी होने वाले शासनादेश का इंतजार होता रहा, लेकिन शासनादेश नहीं आया। माना जा रहा है कि नई व्यवस्था में दो मार्च को जारी सूची की तुलना में करीब 60 से 70 फीसद तक आरक्षण में बदलाव देखने को मिल सकता है।
अभी इस आधार पर हुआ है आवंटन
दो मार्च को ग्राम पंचायत प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य एवं ब्लाक प्रमुख पदों के लिए जारी आरक्षण आवंटन की अनंतिम सूची को 1995 को आधार वर्ष बनाकर तैयार किया गया था। पर, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल की गई एक जनहित याचिका के कारण पूरी व्यवस्था बदल गई। अब 2009 को आधार वर्ष बनाकर आरक्षण आवंटन किया जाना है।
सरकार की ओर से आधार वर्ष बदलने की पुष्टि करने के साथ ही जिला स्तर पर नई व्यवस्था के अनुसार आरक्षण आवंटन की तैयारी शुरू कर दी गई। विभागीय जानकारों के अनुसार गांव, जिला पंचायत वार्ड, क्षेत्र पंचायत वार्ड एवं ग्राम पंचायत वार्डों के आरक्षण में 60 फीसद से अधिक का बदलाव नजर आएगा।
ऐसे आरक्षण तय करने की तैयारी
अभी तक आरक्षण तय करने की जो व्यवस्था बनायी गई है, उसके मुताबिक 2015 के चुनाव में जो गांव अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित रहे होंगे, इस बार उस वर्ग के लिए उनका आरक्षण नहीं होगा। यही स्थिति ओबीसी एवं ओबीसी महिला के लिए आरक्षित गांवों की भी रहेगी। यानी यदि किसी ब्लाक में 64 गांव हैं और अनुसूचित जाति वर्ग का कोटा 15 गांवों का है तो आरक्षण तय करते समय सबसे पहले उन 15 गांवों को अलग कर लिया जाएगा जो 2015 के चुनाव में एससी या एससी महिला के लिए आरक्षित थे।
शेष 49 गांवाें में एससी की आबादी देखी जाएगी और सर्वाधिक आबादी वाले 15 गांवों को ऊपर से इस वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया जाएगा। इसी तरह ओबीसी में पिछले चुनाव में यदि 17 गांव आरक्षित थे तो इस बार उन सभी गांवों को अलग कर लिया जाएगा। शेष 47 गांवों में से ओबीसी की सर्वाधिक आबादी वाले 17 गांवों को इस वर्ग के लिए आरक्षित किया जाएगा। इस तरह ब्लाक में 32 गांव एससी, एससी महिला, ओबीसी एवं ओबीसी महिला के लिए आरक्षित होंगे। शेष गांवों को महिला के लिए एवं अनारक्षित किया जाएगा। जिले में कुल आरक्षित गांव, जिला पंचायत वार्ड, क्षेत्र पंचायत वार्ड, ग्राम पंचायत वार्ड, ब्लाक प्रमुख पदों की संख्या में कोई अंतर नहीं आएगा।
बदली हुई व्यवस्था के अनुसार आरक्षण का आवंटन किया जाएगा। इसके लिए शासनादेश का इंतजार किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द से जल्द अनंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा। - हिमांशु शेखर ठाकुर, जिला पंचायत राज अधिकारी।
दो मार्च को प्रकाशित सूची में यह थी आरक्षण की स्थिति
ग्राम प्रधान के कुल पद : 1294
अनारक्षित : 437 ग्राम पंचायतें
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित : 287 ग्राम पंचायतें
पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित : 356 ग्राम पंचायतें
महिला के लिए आरक्षित : 208 ग्राम पंचायतें
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित : छह ग्राम पंचायतें
ज़िला पंचायत सदस्य के कुल वार्ड : 68
अनारक्षित : 23
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित : 16
पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित : 18
महिला के लिए आरक्षित : 11
ब्लाक प्रमुख के कुल पद : 20
अनारक्षित : 07
पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित : 06
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित : 04
महिला के लिए आरक्षित : 03
क्षेत्र पंचायत सदस्य के कुल वार्ड : 1700
अनारक्षित : 572
महिला के लिए आरक्षित : 272
पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित : 449
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित : 405
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित : 02
ग्राम पंचायत सदस्य की कुल संख्या : 16372
अनारक्षित : 6193
महिला के लिए आरक्षित : 2502
पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित : 3640
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित : 3996
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित : 41