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पशुपालकों व किसानों को दी गई दुग्ध उत्पादन व पशुपालन की जानकारी Gorakhpur News

विश्व दुग्ध दिवस के महत्व के बारे में जानकारी देने के साथ ही डा. तोमर ने डेयरी व्यवसायी को अधिक लाभकारी बनाने की जानकारी दी। पशु चिकित्साधिकारी डा. विनायक पांडेय ने स्वच्‍छ दुग्ध उत्पादन की जानकारी देते हुए दूध की उपयोगिता और उसके रखरखाव के बारे में बताया।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 02:50 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 02:50 PM (IST)
पशुपालकों व किसानों को दी गई दुग्ध उत्पादन व पशुपालन की जानकारी Gorakhpur News
विश्व दुग्ध दिवस पर प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। विश्व दुग्ध दिवस पर कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के तत्वावधान में आन लाइन प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर पशु पालकों और किसानों को डेयरी उद्योग की महत्ता की जानकारी दी गई। पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादकता विषय पर आयोजित प्रशिक्षण शिविर में केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान पशु स्वास्थ्य प्रबंधन, टीकाकरण और पशुओं के नस्ल सुधार के बारे में भी बताया गया।

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आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या से संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के कृषि विज्ञानी डा. एसके तोमर ने कार्यक्रम की शुरुआत प्रतिभागियों का स्वागत करने से किया। विश्व दुग्ध दिवस के महत्व के बारे में जानकारी देने के साथ ही डा. तोमर ने डेयरी व्यवसायी को अधिक लाभकारी बनाने की जानकारी दी। पशु चिकित्साधिकारी डा. विनायक पांडेय ने स्वच्‍छ दुग्ध उत्पादन की जानकारी देते हुए दूध की उपयोगिता और उसके रखरखाव के बारे में बताया। पशु चिकित्साधिकारी डा. अजय कुमार गौड़ ने पशु स्वास्थ्य प्रबंधन, टीकाकरण, पशुओं का नस्ल सुधारने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पशुओं से गुणवत्तायुक्त उत्पादन में संतुलित आहार का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने पशुओं को दिए जाने वाले आहार की भी विस्तार से जानकारी दी।

प्रशिक्षण शिविर से जुड़े पशुपालकों ने पशु पालन से जुड़े सवाल भी किए। विशेषज्ञों ने उनके सवालों का जवाब दिया। कार्यक्रम का संचालन कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के पशुपालन वैज्ञानिक डा. एसके सिंह ने किया। प्रशिक्षण शिविर के अंत में डा. एसपी सिंह ने सभी विशेषज्ञों और कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले किसानों के प्रति आभार ज्ञापन किया। 27 कृषक और पशुपालकों ने प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र की वैज्ञानिक डा. कंचन और शैलेंद्र सिंह भी शामिल थे।

क्यों मनाते हैं विश्व दुग्ध दिवस

2001 से एक जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जा रहा है। डेयरी उद्योग से विश्व भर बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है। साथ ही भोजन के रूप में दूध का काफी महत्व है। डेयरी किसानों और डेयरी क्षेत्र की सराहना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने यह दिवस मनाने का फैसला लिया।


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