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Magadh University Corruption Case: सपा सरकार में प्रयागराज राज्य विवि के संस्थापक कुलपति बने थे प्रो.राजेंद्र

Bihar Magadh University Corruption Case गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के रक्षा अध्‍ययन ि‍विभाग में कार्यरत रहे प्रो. राजेंद्र प्रसाद इस समय मगध विश्‍वविद्यालय के कुलपति हैं। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप बिहार से आई स्‍पेशल विजिलेंस टीम ने गोरखपुर स्थित उनके आवास पर छापेमारी की है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 06:57 PM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 07:22 PM (IST)
Magadh University Corruption Case: सपा सरकार में प्रयागराज राज्य विवि के संस्थापक कुलपति बने थे प्रो.राजेंद्र
मगध विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद। फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Bihar Magadh University Corruption Case: मगध विश्वविद्यालय गया के प्रभारी कुलपति प्रो.राजेंद्र प्रसाद यूं तो गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे, लेकिन जब 17 जून 2016 को प्रयागराज राज्य विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति बने तो चर्चा में आ गए। पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने के कारण सपा शासनकाल में सितंबर 2015 से 16 जून 2016 तक वह प्रयागराज राज्य विवि के ओएसडी (विशेष कार्याधिकारी) और उसके बाद संस्थापक कुलपति की उन्हें सौगात मिली। उस समय प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे। इस पद पर वह 17 जून 2016 से 25 जून 2019 तक आसीन रहे।

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गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के वित्‍तीय प्रबंधन में रही महत्‍वपूर्ण भूमिका

गोरखपुर विश्वविद्यालय में रक्षा अध्ययन विभाग के प्रो.राजेंद्र प्रसाद 24 दिसंबर 1990 से चार जुलाई 2008 तक यानी लगभग 18 वर्षों तक विभागाध्यक्ष रहे। छह जनवरी 2010 से पांच जनवरी 2013 तक विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता रहे। यही नहीं नौ सितंबर 2012 से पांच जनवरी 2013 तक गोरखपुर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी के साथ-साथ विश्वविद्यालय के वित्तीय प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चार बार विवि के मुख्य नियंता के साथ ही वरिष्ठतम प्रोफेसर होने के कारण सत्र 2011, 2012, 2013, 2014, 2015 व 2016 में गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति के रूप में भी अल्पकालिक योगदान दिया।

पूर्व कुलपति के कार पर हमले के कारण चर्चा में रहे

पूर्व कुलपति प्रो.अरुण कुमार के कार को घेर कर कुछ अराजक तत्वों ने हमला किया था। आरोप प्रो.राजेंद्र प्रसाद पर लगा। इस मामले को लेकर कार्यपरिषद ने अनुशासनिक समिति गठित की। हालांकि बाद में वह इस मामले में बरी हो गए थे।

बुलावे पर आएं थे तत्कालीन रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव

गोरखपुर विश्वविद्यालय में रक्षा अध्ययन विभाग के अध्यक्ष रहते हुए प्रो.राजेंद्र प्रसाद ने नेशनल कांग्रेस फार डिफेंस स्टडीज (एनसीडीएस) कराया था। इसके उद्घाटन के लिए उनके बुलावे पर तत्कालीन रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव आए थे। उस दौरान न सिर्फ मुलायम सिंह यादव से प्रो.प्रसाद के संबंधों की चर्चा रही बल्कि यह भी कहा जाने लगा कि मुलायम सिंह यादव इन्हें रक्षा सलाहकार भी बना सकते हैं।


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