Coronavirus: गीडा में गैस के दूसरे प्लांट में भी उत्पादन शुरू Gorakhpur News
मेडिकल कॉलेज एवं निजी चिकित्सालयों को मिलाकर गोरखपुर में करीब 1200 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत रोज हो रही है। आसपास के जिलों से भी मांग आ रही है। आपूर्तिकर्ता किसी तरह आपूर्ति कर रहे थे। अब कंपनी के दूसरे प्लांट में भी उत्पादन शुरू हो गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच गोरखपुर मंडल में ऑक्सीजन की खपत भी काफी बढ़ गई है। पर, यहां अब ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होने पाएगी। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाली कंपनी मोदी गैस के दूसरे प्लांट में भी रविवार से उत्पादन शुरू हो गया है। मैन पॉवर की कमी के कारण पहले दिन 300 जंबो (सात हजार लीटर वाले बड़े सिलेंडर) में गैस भरी गई। सोमवार को 500 सिलेंडर का उत्पादन शुरू हुआ। अब यहां प्रतिदिन 500 सिलेंडर का उत्पादन शुरू किया जाएगा। हालांकि इस प्लांट की क्षमता 1500 सिलेंडर प्रतिदिन तक बढ़ाई जा सकती है।
गोरखपुर में 1200 सिलेंडर की खपत
मेडिकल कॉलेज एवं निजी चिकित्सालयों को मिलाकर गोरखपुर में करीब 1200 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत रोज हो रही है। आसपास के जिलों से भी मांग आ रही है। आपूर्तिकर्ता किसी तरह आपूर्ति कर रहे थे। गीडा में मोदी गैस के प्लांट में 800 ऑक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन रोज हो रहा था और इसकी खपत भी हो जा रही थी। कंपनी के दूसरे प्लांट को कंट्रोलर ऑफ एक्सप्लोसिव के यहां से लाइसेंस की जरूरत थी, जिसे प्रशासन के सहयोग से कुछ ही दिनों में दिलवा दिया गया। सामान्य दिनों में इस प्लांट को शुरू करने में जहां तीन महीने और लगते, अधिकारियों के सहयोग से इसे रविवार को ही शुरू करने में कामयाबी मिली। प्रशासन ने लिक्विड ऑक्सीजन मंगाने में भी मदद की है। रविवार को एक टैंकर लिक्विड ऑक्सीजन उत्तराखंड के काशीपुर से आया है। अवकाश का दिन होने के कारण मैन पावर की कमी थी, जिसके कारण पहले दिन 300 ऑक्सीजन सिलेंडर ही तैयार हो सके। मोदी गैस के एमडी प्रवीण मोदी ने बताया कि सोमवार से 500 ऑक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन शुरू हो जाएगा। आपूर्ति में कमी नहीं आने दी जाएगी।
एक और प्लांट को मिल सकता है लाइसेंस
गीडा में ही स्थापित हो रहे आरके ऑक्सीजन को भी लाइसेंस मिल सकता है। डिप्टी चीफ कंट्रोलर ऑफ एक्सप्लोसिव, आगरा की ओर से शनिवार को भेजे गए ई मेल में प्लांट में ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू करने को कहा गया है। कंपनी के पार्टनर अजय जायसवाल का कहना है कि लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। यहां भी 1200 सिलेंडर के उत्पादन की क्षमता है। शुरू में 500 से 600 ऑक्सीजन सिलेंडर का उत्पादन होगा।