Move to Jagran APP

अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने की बोवाई करने से किसानों के सामने खड़ी हुई समस्याएं

अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने की बोवाई करने से बस्‍ती के किसानों व मिल प्रबंधन के सामने समस्याएं खड़ी हो गई है। अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने की बोवाई न करने की किसानों को सलाह देने के साथ ही चरणबद्ध रूप में विस्थापित करने पर जोर दिया जा रहा है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 06:49 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 06:49 PM (IST)
अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने की बोवाई करने से किसानों के सामने खड़ी हुई समस्याएं
अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने की बोवाई करने से किसानों के सामने खड़ी हुई समस्याएं। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने की बोवाई करने की वजह से बस्‍ती जिले के किसानों व मिल प्रबंधन के सामने समस्याएं खड़ी हो गई है। गन्ने के फसलों में असमय फूल निकल आने से किसान चिंतित है। असमय फूल आने से गन्ने का विकास थम जाने व वजन कम होने का नुकसान जहां किसानों को उठाना पड़ता है, वहीं मिल प्रबंधन को भी औसत से कम चीनी की परता हासिल होती है। ऐसे में अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने की बोवाई न करने की किसानों को सलाह देने के साथ ही आगामी वर्षों में चरणबद्ध रूप में विस्थापित करने पर गन्ना विभाग द्वारा जोर दिया जा रहा है। शासन की मंशा के अनुसार आने वाले वर्षों में अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने की मिल को आपूर्ति करना भी किसानों के लिए मुश्किल हो जाएगा।

loksabha election banner

गन्‍ना विकास का लेकर उठाए गए अहम कदम

उत्तर प्रदेश चीनी व गन्ना विकास निगम की मुंडेरवा इकाई की कार्यदाई संस्था एलएसएस ने गन्ना विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सिडलिंग विधि से शरद कालीन गन्ना बोवाई के क्षेत्र में एक अच्छी शुरुआत की गई है। जिसका नतीजा रहा कि इस बार शरद कालीन मौसम में अन्य वर्षों की अपेक्षा बोवाई के परिक्षेत्र में प्रगति हुई है।

उन्‍नत प्रजाति के गन्‍ने की बोआई पर जोर

कार्यदाई संस्था एलएसएस के उप महाप्रबंधक ओपी पांडेय ने बताया कि अधिक जोर उन्नत प्रजाति के गन्ने की बोवाई पर है। अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने की बोवाई रोकने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करते हुए उन्नत प्रजाति के बीज आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

अस्‍वीकृत की श्रेणी रखी गई हैं गन्‍ने की ये प्रजातियां

गन्ना प्रजाति कोपी. 9302,को.0233,वीओ.150,124 अस्वीकृत प्रजाति एवं कोपीके.05191 को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा आगामी वर्षों में चरणबद्ध रूप में विस्थापित करने की अनुशंसा की गई है। को.लख.94184 गन्ना पतला एवं रूट राट रोग से प्रभावित होने के कारण पैदावार कम हो रही है। इस वर्ष इन प्रजातियों में रोग भी लग रहा है। अधिकांश में फूल निकल आए हैं। जिसके कारण वजन एवं चीनी परता में कमी आने से किसानों व चीनी मिल को भी नुकसार उठानी पड़ रही है।

गन्‍ने की यह उन्‍नत प्रजाति

मिल के प्रधान प्रबंधक ब्रजेंद्र द्विवेदी ने अस्वीकृत प्रजाति के गन्ने की बोवाई करने वाले किसानों को अस्वीकृत गन्ने की बोआईन करने की अपील की है। किसानों को उन्नतशील प्रजाति को.0118,को 98014,कोशा.08272,यूपी 05125,को.05009,कोशा.13235,कोलख.14201,को.15023 के साथ साथ अन्य अनुसंशित प्रजाति के गन्ने की बोवाई करने की सलाह दी जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.