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UP: बंद‍ियों को भा गई यह जेल, दो बंद‍ियों ने पैरोल लेने मना क‍िया- कहा घर से अच्छी है यह जेल

गोरखपुर जेल बंद‍ियों को पसंद आ गई है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए शासन ने बंद‍ियों को पैरोल द‍िया था लेक‍िन दो बंद‍ियों ने जेल से रि‍हा होने से मना कर द‍िया इन कैद‍ियों कहा क‍ि वे जेल से बाहर नहीं जाएंगे क्‍योंक‍ि यह जेल घर से अधिक अच्‍छी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 01:19 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 08:10 AM (IST)
UP: बंद‍ियों को भा गई यह जेल, दो बंद‍ियों ने पैरोल लेने मना क‍िया- कहा घर से अच्छी है यह जेल
गोरखपुर जेल के दो बंद‍ियों ने पैरोल पर जेल से र‍िहा होने से मना कर द‍िया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर ज‍िला जेल में बंद दो बंद‍ियों ने पैरोल पर जेल से र‍िहा होने से इनकार कर दिया। अधिकारियाें से उन्होंने कहा कि पिछले साल पैरोल पर छूटे थे। जिसका अनुभव बहुत खराब रहा। अब वह सजा पूरी करके ही निकलेंगे। क्योकिं घर से अच्छी तो जेल ही है। यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का व‍िषय बनी हुई है।

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दहेज हत्या व हत्या की कोशिश के आरोप में मिली है सजा

पैरोल ठुकराने वाले सजायाफ्ता बंदी उषा व हरिशंकर पिछले साल भी पैरोल पर छूटे थे। बाद में पुलिस की मदद से जेल लौटे थे।उरुवां थानाक्षेत्र के शमदपुर टोला जगदीशपुर की रहने वाली उषा देवी पत्नी सम्हारू, 2011 में दहेज हत्या के आरोप में जेल आई। नौ अक्टूबर 2015 को कोर्ट से सात साल की सजा हुई। बड़हलगंज के मामखोर निवासी हरिशंकर को वर्ष 2007 में गैर इरादतन हत्या के प्रयास के आरोप में छह साल की सजा हुई। सर्वोच्च न्यायालय मेंं अपील खारिज होने के बाद दूसरी बार 2017 में फिर जेल पहुंचे। तभी से सजा काट रहे। दोनों की सजा आधी से अधिक पूरी हो चुकी है।

जिला कारागार से इस साल पैरोल पर पैरोल पर छोड़े गए हैं 12 कैदी

गोरखपुर जेल में बंद 12 कैंदियों को इस साल पैरोल और 150 बंदियों को अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया है।वर्ष 2020 में 26 कैदी पैरोल और 250 बंदी अंतरिम जमानत पर बाहर गए थे। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा रामधनी ने बताया कि दो कैदियों ने पैरोल ठुकरा दी है। उनका कहना है कि पिछली बार कोरोना संक्रमण के दौरान पैरोल पर घर गए थे। बहुत परेशानी उठानी पड़ी। घर से बढ़िया व्यवस्था तो जेल में ही है।सजा पूरी होने के बाद ही जाएंगे।

जिला कारागार में निरुद्व हैं 1800 बंदी

950 बंदियाें की क्षमता वाले जिला कारागार में इस समय 1800 बंदी निरुद्व हैं।कोरोना संक्रमण के दौरान यह संख्या 1700 के करीब पहुंची थी। लेकिन अब संक्रमण की दर कम होने के साथ ही बंदियों की संख्या बढ़ रही है।


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