जेल में बंदियों को पढ़ाया जाएगा गांधीगिरी का पाठ
प्रशासन ने जेल में बंदियों को गांधीगिरी पढ़ाने का निर्णय लिया है। गांधी जयंती के दिन से इस पर अमल भी शुरू हो चुका है।
गोरखपुर, (सतीश कुमार पांडेय)। अपराधियों की मनोदशा बदलने के लिए सरकार के एक और की है। अब अपराधियों को जेल में गांधीगिरी का पाठ पढ़ाया जाएगा। गांधी जयंती से जेल में इसकी शुरूआत हो गई। तीन दिन तक महात्मा गांधी को आदर्श बनाकर जेल में शांति और अहिंसा पाठ पढ़ाया जाएगा। वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जेलर और डिप्टी जेलर बंदियों को राष्ट्रपिता के आदर्शो पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे।
अपराधियों से हांफ रही जेल में शांति को लेकर कई बड़ी हुई लेकिन सुधार नहीं हो पाया। जेल से क्राइम का कनेक्शन कई बार सामने आया है। इसे तोड़ने को लेकर कई बार काम किया गया। प्रदेश सरकार के साथ ही जेल मुख्यालय से भी रणनीति बनाई गई, जिसके पीछे मंशा अपराधियों की मनोदशा बदलने को लेकर थी लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई। अब अपराध से दूरी बनाने के लिए महात्मा गांधी के पाठ पढ़ाने को लेकर हुई है। जिसे लेकर अधिकारी सक्रिय है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. रामधनी ने बताया कि गांधी जयंती पर जेल में तीन दिन कार्यक्रम होंगे। इससे अधिकारियों और जेलकर्मियों के अंदर यह भावना आएगी कि अपराध से नफरत करना चाहिए अपराधियों से नहीं। अपराधियों की मनोदशा को बदल कर उन्हें भी एक अच्छा इंसान बनाया जा सकता है। इस प्रयास से जेल का माहौल भी बदलेगा।
जिला कारागार में हैं 1700 से अधिक बंदी
जिला कारागार की क्षमता 850 बंदी और कैदियों की है। यहां 1700 से ज्यादा बंदी और कैदी हैं। मानक के अनुरूप स्टाफ की किल्लत और क्षमता से ज्यादा बंदी-कैदियों के होने की वजह से जेल की सुरक्षा को भी खतरा बना रहता है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर जेल प्रशासन ने चार बंदियों को रिहा करेगा। रिहाई से पूर्व बंदियों को राष्ट्रपिता के जीवन के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके बाद कोर्ट में अर्थदंड जमा करा पांच अक्टूबर की सुबह इन्हें रिहा किया जाएगा। इन बंदियों को जेल के अधिकारी महात्मा गांधी के जीवन पर लिखी गई किताब भी भेंट करेंगे। रिहा होने वाले बंदियों में पिंटू (27) निवासी खड्डा, कुशीनगर, अमित गौड़ (26) मियां बाजार, कोतवाली, खजांची (42) फरजहीं, बेलीपार व रामजीत (40) झपिया, गोंडा शामिल हैं।