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प्राथमिक विद्यालय है या कबाड़घर, यहां शौचालय व हैंडपंप तक नहीं Gorakhpur News

संतकबीर नगर जिले के प्राथमिक विद्यालयों की व्यवस्था सुधारने के उद्देश्य से पिछले दो वर्षों में कायाकल्प योजना के माध्यम से विद्यालयों को चकाचक करने का निर्देश शासन ने दिया था लेकिन सांथा विकास खंड के मोतीपुर ग्राम पंचायत में स्थित प्राथमिक विद्यालय में यह आदेश बेअसर रहा।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 14 Mar 2021 02:31 AM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 02:31 AM (IST)
प्राथमिक विद्यालय है या कबाड़घर, यहां शौचालय व हैंडपंप तक नहीं Gorakhpur News
प्राथमिक विद्यालय मोतीपुर में रखा गया कबाड़। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : संतकबीर नगर जिले के प्राथमिक विद्यालयों की व्यवस्था सुधारने के उद्देश्य से पिछले दो वर्षों में कायाकल्प योजना के माध्यम से विद्यालयों को चकाचक करने का निर्देश शासन ने दिया था, लेकिन सांथा विकास खंड के मोतीपुर ग्राम पंचायत में स्थित प्राथमिक विद्यालय में यह आदेश बेअसर रहा।

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कई विद्यालय चमक रहे कायाकल्‍प योजना के तहत

आसपास के तमाम प्राथमिक विद्यालय कायाकल्प योजना के तहत चमक रहे हैं, लेकिन यह विद्यालय अभी भी खंडहर में तब्दील है। ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त, 15वां वित्त, मनरेगा मद से अन्य कामों को तरजीह दिया गया, लेकिन कायाकल्प योजना के तहत इस विद्यालय का जीर्णोद्धार कराने को लेकर जिम्मेदारों ने कार्ययोजना नहीं बनाई। इस कारण विद्यालय में पढ़ने वाले बच्‍चों को समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है। अध्यापक भी क्षतिग्रस्त विद्यालय से काफी परेशान हैं। विद्यालय देखने में कबाड़घर जैसा प्रतीत होता है।

शौचालय के अभाव में खुले में शौच जाना मजबूरी

प्राथमिक विद्यालय में एक अदद शौचालय उपलब्ध नहीं है, जिससे पढ़ने वाले बच्‍चों को खुले में शौच जाना पड़ता है। अध्यापकों को भी खुले में नित्यक्रिया के लिए जाना पड़ता है। विद्यालय में लगा हैंडपंप पिछले दो वर्षों से खराब है। इसके मरम्मत की सुधि भी जिम्मेदारों ने नहीं ली। विद्यालय में बाउंड्रीवाल का निर्माण भी नहीं कराया गया है, जिससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। विद्यालय भवन भी जर्जर है। दीवारें तक दरक गई हैं, प्लास्टर टूट गए हैं।

क्या कहते हैं छात्र-छात्राएं

विद्यालय में पढ़ने वाले रमेश प्रजापति कक्षा चार का छात्र है। उसका कहना है कि शौचालय नहीं होने से काफी समस्या हो रही है। विवेक कुमार ने कहा कि बाउंड्रीवाल नहीं बनने से स्वजन दूसरे विद्यालय में पढ़ाई के लिए विचार कर रहे हैं। नरगिस चौधरी का कहना है कि शौचालय की समस्या से जूझना पड़ रहा है। खुले में नित्य क्रिया करने में शर्म महसूस होती है। शांति का कहना है कि विद्यालय का भवन इतना जर्जर है कि हमेशा प्लास्टर टूटकर गिरने का खतरा महसूस होता है।

विकास विभाग को भेजा जा रहा है पत्र

सांथा के बीईओ अनूप कुमार त्रिपाठी ने कहा कि विकास विभाग को विद्यालय का जीर्णोद्धार, शौचालय व हैंडपंप की मरम्मत के लिए पत्र भेजा जा रहा है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। शिक्षा विभाग के पास कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे मरम्मत कराई जा सके।

बजट मिलने पर कराया जाएगा कार्य

सांथा की बीडीओ रेनू चौधरी ने कहा कि शासन से सार्वजनिक शौचालय व पंचायत भवन के अलावा बजट नहीं मिल पा रहा है। आधा दर्जन से अधिक विद्यालयों के कायाकल्प की योजना तैयार की गई है। बजट मिलने के बाद कार्य कराया जाएगा। शौचालय व हैंडपंप की मरम्मत के लिए सचिव को भेजकर निर्देश दिए जा रहे हैं।


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